बेंगलूरु/दक्षिण भारत। विद्यार्थियों के लिए अच्छी याददाश्त और एकाग्रता का होना बहुत जरूरी है। जो विद्यार्थी पढ़ाई के दौरान एकाग्र होकर विषय-वस्तु को समझते हैं, वे उसे काफी समय तक याद रख पाने में सक्षम होते हैं।
आज अनेक कारणों से विद्यार्थी स्वयं का ध्यान एकाग्र रख पाने में असुविधा महसूस करते हैं। मोबाइल फोन, इंटरनेट जैसी सुविधाएं पढ़ाई में सहायक हों तो बेहतर है, लेकिन इनके अत्यधिक उपयोग से पढ़ाई में काफी नुकसान होने की आशंका होती है।
अगर ध्यान भटक रहा है तो जिस विषय-वस्तु को समझने की कोशिश करते हैं, वह याददाश्त का हिस्सा नहीं बन पाती। ऐसे में उन चीजों / आदतों से दूरी बना लेनी चाहिए, जो एकाग्रचित्त होने में बाधक बनती हैं। इसके साथ ही किसी अनुभवी योग प्रशिक्षक के दिशा-निर्देशों के अनुसार योगासनों का अभ्यास किया जा सकता है, जो लाभदायक होते हैं।
- शुरुआत में सबसे सरल होगा- पद्मासन का अभ्यास। इसे कमल मुद्रा भी कहा जाता है। इसका अभ्यास करने से मन शांत होता है। मानसिक उथल-पुथल दूर होती है। इस दौरान ऊँ का जाप करने से एकाग्रता बढ़ती है।
- याददाश्त और एकाग्रता बढ़ाने के लिए सर्वांगासन भी बहुत प्रभावी सिद्ध होता है। याद रखें कि इसमें नियमितता होनी चाहिए। इससे मस्तिष्क की कार्य क्षमता में वृद्धि होती है। शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है, सुस्ती दूर होती है।
- पश्चिमोत्तानासन तनाव दूर करने में बहुत सहायक है। अगर तनाव के कारण पढ़ाई में मन नहीं लग रहा, एकाग्रता में दिक्कत आ रही है तो इससे मन शांत होगा। इस योगासन को याददाश्त के लिए विशेष लाभदायक माना जाता है। यह पेट संबंधी रोगों को भी दूर करता है।
- मस्तिष्क में रक्त संचार बढ़ाने, शरीर को ऊर्जावान रखने, निराशा को दूर करने और एकाग्रता बढ़ाने के लिए हलासन कर सकते हैं। नियमित हलासन के अभ्यास से याददाश्त अच्छी होती है। इससे पाचन अच्छा होता है। कब्ज संबंधी दिक्कतों से निजात मिलती है।
- इसके अलावा इष्टदेव के मंत्र का जाप, विभिन्न प्रकार के मनोवैज्ञानिक अभ्यास, संख्याओं के खेल, शब्दज्ञान पर आधारित पहेलियां हल करने से याददाश्त और एकाग्रता में सुधार होता है।