बेंगलूरु/दक्षिण भारत। जो लोग शारीरिक के बजाय मानसिक श्रम ज्यादा करते हैं, उन्हें पाचन तंत्र संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। अगर किसी व्यक्ति का पाचन अच्छा नहीं होता है तो उसे भविष्य में विभिन्न रोग घेर लेते हैं।
आधुनिक विज्ञान भी यह मानता है कि जो लोग ज्यादातर समय बैठे रहकर काम करते हैं, उन्हें व्यायाम या कोई ऐसा काम जरूर करना चाहिए, जिससे शारीरिक श्रम करना पड़े। ऐसे कई बड़े नेता, वैज्ञानिक, कारोबारी आदि हुए हैं, जिन्होंने पाचन संबंधी दिक्कतें होने के बाद शारीरिक श्रम शुरू किया। इससे उनका पाचन तंत्र बेहतर हुआ।
शारीरिक श्रम का महत्त्व हमेशा रहेगा। उसकी जगह कोई नहीं ले सकता। योगशास्त्र में कुछ ऐसे योगासनों का भी उल्लेख मिलता है, जिनके अभ्यास से पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
इन्हीं आसनों में से एक है- वज्रासन। इसे भोजन के बाद भी किया जा सकता है। यह पाचन शक्ति को बेहतर बनाता है। इसका अभ्यास करने से असर भी तुरंत महसूस होने लगता है।
कैसे करें वज्रासन?
- सबसे पहले योगा मैट पर घुटनों के बल बैठें।
- अब पैरों की बड़ी अंगुलियों को मिलाएं।
- इस दौरान एड़ियों को अलग रखें।
- नितंबों को तलवों पर ऐसे टिकाएं, जिससे वे नितंबों के बाहरी हिस्से को छूएं।
- आपके हाथ घुटनों पर टिके रहने चाहिएं।
- अपनी हथेलियां नीचे की तरफ रखें। वहीं, पीठ और सिर सीधी स्थिति में होने चाहिएं।
- इस बात का ध्यान रखें कि शरीर में तनाव नहीं होना चााहिए। सहज स्थिति में बैठे रहें।
- सांस सामान्य ढंग से लेते रहें। यह आसन पांच मिनट तक किया जा सकता है।
वज्रासन से होते हैं ये लाभ
- पाचन तंत्र बेहतर होता है।
- बवासीर जैसी दिक्कतों में लाभदायक है।
- एसिडिटी, खट्टी डकारों और पेट में जलन जैसी स्थिति में राहत देता है।
- हर्निया जैसी समस्या होने की आशंका कम करता है।
- पेट की चर्बी कम करने में मददगार है।