बेंगलूरु/दक्षिण भारत। अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि पाचन तंत्र अच्छा हो। कमजोर पाचन तंत्र के कारण कई बीमारियां पैदा होती हैं। चूंकि समग्र स्वास्थ्य के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए पाचन तंत्र को बेहतर बनाना जरूरी है। इसलिए योगशास्त्र के ज्यादातर आसन ऐसे हैं, जिनका संबंध अन्य अंगों के साथ ही पाचन तंत्र से जरूर होता है। इनमें से एक है हलासन, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और कई समस्याओं से छुटकारा दिलाता है।
इसे यह नाम 'हल' और 'आसन' से मिला है। इसका अभ्यास करते समय शरीर की आकृति किसान के हल जैसी हो जाती है। इससे लाभ पाने वाले योगाभ्यासी कहते हैं कि यह योगासन स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का 'हल' पेश करता है! अंग्रेजी में इसे 'प्लो पोज' कहते हैं।
ऐसे करें हलासन
- योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।
- अब दोनों हाथों को जमीन पर रखें।
- धीरे-धीरे अपने पैरों को ऊपर उठाएं तथा उन्हें पीछे की तरफ ले जाएं।
- अब अपने पैरों के अंगूठों व अंगुलियों को पीछे जमीन से स्पर्श करें।
- कुछ समय तक इसी स्थिति में रहें। उसके बाद धीरे-धीरे पूर्व स्थिति में आ जाएं।
ये होंगे फायदे
- पाचन तंत्र अच्छा होगा।
- कब्ज, गैस और पेट के पुराने रोग दूर होंगे।
- खुलकर भूख लगेगी।
- पेट की अनावश्यक चर्बी दूर होगी।
- रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आएगा।
- कमर और कंधों के दर्द से राहत मिलेगी।
- यह योगासन मधुमेह और थायरॉइड संबंधी समस्याओं में भी सहायक है।
ये रखें सावधानियां
- जब पैरों को ऊपर उठाते हुए पीछे की ओर लेकर जाएं तो अनावश्यक दबाव न डालें।
- कई लोग पहली बार में इस योगासन को पूरी तरह नहीं कर पाते। उन्हें निराश नहीं होना चाहिए।
- निरंतर अभ्यास से ही सफलता मिलती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए अपनी क्षमतानुसार अभ्यास करते रहें।
- अगर पीठ, गर्दन, पेट पर चोट लगी हो या सर्जरी कराई हो तो इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।
ध्यान रखें कि इस जानकारी का उद्देश्य योग के बारे में जागरूकता पैदा करना है। यह स्वास्थ्य संबंधी सलाह का विकल्प नहीं हो सकती। उचित सावधानियों का पालन करते हुए किसी कुशल योग प्रशिक्षक के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही योगाभ्यास करना चाहिए।