योग की शरण में आने से महसूस हुए कई सकारात्मक बदलाव

जर्मनी में तेजी से बढ़ रही योग की लोक​प्रियता

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बेंगलूरु/दक्षिण भारत। यूरोप के कई देशों की तरह जर्मनी में भी योग की लोक​प्रियता तेजी से बढ़ती जा रही है। इस संबंध में कई सर्वेक्षण किए जा रहे हैं, जिनका निष्कर्ष यह है कि जर्मनी में लोग योगाभ्यास के कारण होने वाले लाभों को लेकर उत्साहित हैं। इससे उन्हें कई पुराने रोगों से निजात मिल रही है। 

जर्मनी में 2,000 से ज्यादा लोगों के बीच किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, योगाभ्यास करने वाले 15.1 प्रतिशत लोग ऐसे थे, जो लंबे अरसे से इससे जुड़े रहे हैं। योगाभ्यास की औसत अवधि 48.2 महीने थी। वहीं, 61.7 प्रतिशत लोगों ने कम से कम सप्ताह में एक बार अभ्यास किया था।

योगाभ्यास करने वालों में 62.8 प्रतिशत लोग वे ​थे, जिन्हें शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं थीं। इसके अलावा 56.9 लोगों को मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं थीं। उन्होंने योगाभ्यास से स्वास्थ्य में सुधार और अपने जीवन में बदलाव महसूस किए थे। 

इसी तरह, योग के कारण सकारात्मक परिवर्तन की बात 89.7 प्रतिशत योगाभ्यासियों ने स्वीकार की। खासकर 58.8 प्रतिशत लोगों ने माना कि इससे आंतरिक संतुलन में वृद्धि हुई है। जो लोग वर्तमान में योगाभ्यास नहीं कर रहे, उनमें से 16.1 प्रतिशत लोग यह मानते हैं कि वे अगले 12 महीनों में योगाभ्यास शुरू कर सकते हैं।

एक अनुमान के अनुसार, जर्मनी में 15.7 मिलियन से ज्यादा लोग योगाभ्यास कर रहे हैं या इसमें रुचि रखते हैं। इनमें अधिकतर महिलाएं, महानगरीय लोग, उच्च शिक्षा प्राप्त लोग तथा नौकरीपेशा शामिल हैं। योगाभ्यास करने वाले लगभग 90 प्रतिशत लोग यह स्वीकार करते हैं कि वे जब से योग की शरण में आए हैं, उन्होंने जीवन में सकारात्मक बदलाव महसूस किए हैं।

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