चीनी फौज के लिए दीमक बना भ्रष्टाचार: दो पूर्व रक्षा मंत्री कम्युनिस्ट पार्टी से निष्कासित, चलेगा मुकदमा

पीएलए के इतिहास में यह पहली बार है कि दो रक्षा मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच एक ही दिन सार्वजनिक की गई

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बीजिंग/दक्षिण भारत। चीन ने दो पूर्व रक्षा मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच की घोषणा की है। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने गुरुवार को पार्टी के 24 सदस्यीय पोलित ब्यूरो की बैठक के बाद बताया कि वेई फेंगहे और उनके उत्तराधिकारी ली शांगफू को भी कम्युनिस्ट पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।

यह घोषणा चीन के सबसे कम समय तक रक्षा मंत्री रहे ली को अचानक बर्खास्त किए जाने के कुछ महीनों बाद की गई है। रक्षा मंत्री बनने के सिर्फ़ सात महीने बाद ली को पद से हटा दिया गया था। वेई साल 2018 से 2023 तक इस पद पर रहे। शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों व्यक्तियों को आपराधिक मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।

पीएलए के इतिहास में यह पहली बार है कि दो रक्षा मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच एक ही दिन सार्वजनिक की गई है।

राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान का मुख्य लक्ष्य सेना है। कहा जाता है कि 20वीं सदी में दशकों के युद्धों में जितने चीनी जनरल मारे गए थे, उससे कहीं ज्यादा इस अभियान में 'मारे' गए हैं।

चीनी रक्षा मंत्री विदेशी समकक्षों से अलग भूमिका निभाते हैं। वे ज़्यादातर सैन्य राजनयिक होते हैं, जिनके पास बहुत सीमित कमांड पावर होती है और शी की अध्यक्षता वाली पार्टी के केंद्रीय सैन्य आयोग में उनका पद कम होता है।

शी जिनपिंग इससे पहले भी बड़ी सैन्य एजेंसियों के खिलाफ सख्त रुख अपना चुके हैं, जब उनके पूर्ववर्ती के अधीन आयोग के दो पूर्व उपाध्यक्षों - शू कैहोउ और गुओ बॉक्सियोंग को भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया था।

चीनी फौज के भ्रष्टाचार निरोधक निकाय ने पाया कि ली ने दूसरों को लाभ पहुंचाने के लिए बड़ी रकम हासिल की थी और दूसरों को रिश्वत देने के लिए धन का इस्तेमाल किया था। उन पर फौज में उपकरण क्षेत्र को गंभीर रूप से प्रदूषित करने का भी आरोप लगाया गया है। वेई पर धन और उपहार लेने का आरोप लगाया गया है।

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