नई दिल्ली/दक्षिण भारत। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को कमला मार्केट इलाके में एक रेहड़ी-पटरी वाले के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों के तहत पहली एफआईआर दर्ज की।
सोमवार को तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए, जिससे भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में दूरगामी बदलाव आएंगे।
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) ने क्रमशः औपनिवेशिक युग की भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लिया।
पुलिस ने बताया कि रात 12:15 बजे एक रेहड़ी-पटरी वाले के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, जिसने कथित तौर पर नई दिल्ली स्टेशन के पास फुट ओवरब्रिज पर सामान बेचने के लिए सार्वजनिक रास्ते में बाधा डाली।
जब आगे बढ़ने के निर्देश पर ध्यान नहीं दिया गया तो गश्ती अधिकारी ने रात 1:30 बजे मामला दर्ज किया।
एफआईआर में कहा गया है कि अधिकारी ने जब्ती को रिकॉर्ड करने के लिए ई-प्रमाण ऐप का इस्तेमाल किया।
एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा द्वारा संचालित यह ऐप आगामी जांच के लिए सीधे पुलिस रिकॉर्ड में सामग्री डाल देगा।
दिल्ली पुलिस ने अपने 30,000 कर्मियों को प्रशिक्षण दिया है, जो एफआईआर दर्ज करने और जांच करने के लिए जिम्मेदार हैं।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस देश में उन पहली पुलिस बलों में से एक है, जिसने अपने कर्मियों को नए आपराधिक कानूनों पर प्रशिक्षण देना शुरू किया है।