हाथरस मामला: जिम्मेदार कौन? न्यायिक जांच समिति पता लगाएगी

एडीजी आगरा के नेतृत्व में एक एसआईटी गठित की है, जिसने प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है

Photo: MYogiAdityanath FB page

हाथरस/दक्षिण भारत। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को हाथरस जिले में उस जगह का निरीक्षण किया, जहां भगदड़ मची थी। उन्होंने अस्पताल जाकर घायलों के हालचाल भी जाने। इसके बाद प्रेसवार्ता को संबोधित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी प्राथमिकता बचाव और ऑपरेशन पर ध्यान केंद्रित करना था। कुल 121 श्रद्धालुओं की जान चली गई है। वे उप्र, हरियाणा, मद्र और राजस्थान से थे। 

उन्होंने कहा कि 121 मृतकों में से 6 अन्य राज्यों के थे। 31 घायलों का इलाज चल रहा है और लगभग सभी खतरे से बाहर हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने कई प्रत्यक्षदर्शियों से बातचीत की। उन्होंने मुझे बताया कि यह घटना कार्यक्रम समाप्त होने के बाद हुई, जब सत्संग प्रचारक मंच से नीचे उतर रहे थे। अचानक कई महिलाएं उन्हें छूने के लिए उनकी ओर बढ़ने लगीं और जब 'सेवादारों' ने उन्हें रोका, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई।

उन्होंने कहा कि सेवादारों ने प्रशासन को अंदर प्रवेश नहीं करने दिया। हमने एडीजी आगरा के नेतृत्व में एक एसआईटी गठित की है, जिसने प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें इस मामले की गहराई से जांच करने को कहा गया है। इसमें कई पहलू हैं, जिनकी जांच की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने न्यायिक जांच कराने का भी निर्णय लिया है, जिसका नेतृत्व उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे। प्रशासन और पुलिस के सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी भी इसका हिस्सा होंगे।

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