संदेशखाली मामला: उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ तृणकां सरकार की याचिका उच्चतम न्यायालय ने खारिज की

'राज्य को किसी को बचाने में क्यों दिलचस्पी होनी चाहिए? ... धन्यवाद। मामला खारिज किया जाता है।'

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नई दिल्ली/दक्षिण भारत। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें संदेशखाली में महिलाओं के खिलाफ अपराध और भूमि हड़पने के आरोपों की सीबीआई जांच का निर्देश दिया गया था।

'राज्य को किसी को बचाने में क्यों दिलचस्पी होनी चाहिए?' न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि सुनवाई की पिछली तारीख पर राज्य की ओर से पेश वकील ने कहा था कि शीर्ष अदालत द्वारा यह विशिष्ट प्रश्न पूछे जाने के बाद मामले को स्थगित कर दिया जाना चाहिए।

पीठ ने कहा, 'धन्यवाद। मामला खारिज किया जाता है।'

शीर्ष न्यायालय कलकत्ता उच्च न्यायालय के 10 अप्रैल के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रहा था।

29 अप्रैल को याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से पूछा था कि कुछ निजी व्यक्तियों के 'हितों की रक्षा' के लिए राज्य को याचिकाकर्ता के रूप में क्यों आना चाहिए?

सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष अपनी याचिका में राज्य सरकार ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश से पुलिस बल सहित समूची राज्य मशीनरी का मनोबल गिर गया है।

सीबीआई पहले से ही संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों पर हमले के मामले की जांच कर रही है और उसने 5 जनवरी की घटनाओं से संबंधित तीन प्राथमिकी दर्ज की हैं।

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