नीट-यूजी पर उच्चतम न्यायालय ने कहा- परीक्षा की पवित्रता खत्म जाती है तो दोबारा परीक्षा का आदेश देना होगा

पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे

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नई दिल्ली/दक्षिण भारत। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि यदि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2024 की पवित्रता ‘खत्म’ हो गई है और यदि इसके प्रश्नपत्र के लीक होने की बात सोशल मीडिया के जरिए प्रचारित की गई है तो दोबारा परीक्षा कराने का आदेश देना होगा।

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह भी कहा कि यदि प्रश्नपत्र लीक टेलीग्राम, वॉट्सऐप और इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से हो रहा है तो यह जंगल में आग की तरह फैलेगा।

पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे।

पीठ ने कहा, एक बात स्पष्ट है कि प्रश्नपत्र लीक हुआ है। सवाल यह है कि इसकी पहुंच कितनी व्यापक है? पेपर लीक होना एक स्वीकार्य तथ्य है।

उच्चतम न्यायालय ने पूछा कि केंद्र और एनटीए ने इस गड़बड़ी के लाभार्थी छात्रों की पहचान करने के लिए क्या कार्रवाई की है?

उच्चतम न्यायालय ने पूछा कि लीक होने के कारण कितने छात्रों के परिणाम रोके गए और ये छात्र कहां हैं? 

उच्चतम न्यायालय ने पूछा कि क्या हम अभी भी गलत काम करने वालों का पता लगा रहे हैं और क्या हम लाभार्थियों की पहचान करने में सक्षम हैं? उसने यह भी कहा कि देशभर के विशेषज्ञों की एक बहु-विषयक समिति होनी चाहिए।

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