मास्को/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यहां रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक के दौरान टिप्पणी करते हुए दोनों देशों के संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का भरोसा जताया।
उन्होंने कहा कि पिछले 40-50 वर्षों से भारत आतंकवाद को झेल रहा है। आतंकवाद कितना भयानक होता है, कितना घिनौना होता है, वह हम 40 साल से भुगत रहे हैं। ऐसे में जब मास्को में आतंकवादी घटनाएं हुईं, दागिस्तान में आतंकवादी घटनाएं हुईं, उसका दर्द कितना गहरा होगा, इसकी मैं कल्पना करता हूं और हर प्रकार के आतंकवाद की निंदा करता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मानवता में विश्वास रखने वाला हर व्यक्ति तब दुखी होता है, जब किसी की जान चली जाती है। लेकिन जब मासूम बच्चों की हत्या होती है तो बहुत दुख होता है। मैंने इस बारे में आपसे विस्तार से बात की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक मित्र के रूप में, मैंने हमेशा दोहराया है कि हमारे भावी पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य के लिए शांति सर्वोपरि है। हालांकि मैं जानता हूं कि युद्ध के मैदान में कभी-कभी समाधान काम नहीं करते। गोला-बारूद के बीच समाधान और शांति वार्ता सफल नहीं होती है, और फिर भी हमें संवाद के माध्यम से समाधान खोजने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि यह कार्यकाल हमारे संबंधों को और गहरा व घनिष्ठ बनाएगा। हम नई-नई उपलब्धियों को लेकर आगे बढ़ेंगे। पिछले 5 वर्ष पूरे विश्व के लिए, पूरी मानव जाति के लिए बहुत ही चिंताजनक, चुनौतीपूर्ण रहे। हमें अनेक संकटों से गुजरना पड़ा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले कोविड के कारण और बाद में संघर्ष और तनावों का कालखंड अलग-अलग भू-भाग में जिसने मानवजाति के लिए बहुत संकट पैदा किए, ऐसी स्थिति में भी भारत-रूस मित्रता और सहयोग के कारण मैंने मेरे देश के किसानों को मुसीबत में नहीं आने दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम फर्टिलाइजर में किसानों की जरूरतें पूरी करने में सफल रहे। उसमें हमारी मित्रता का बहुत बड़ा किरदार है। किसानों के हितों की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। आने वाले दिनों में किसानों के हित के लिए हम चाहेंगे कि रूस के साथ हमारा सहयोग बढ़ता रहे।