नई दिल्ली/दक्षिण भारत। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार को बुनियादी मुद्दों से दूर रखने के लिए 'पीआर का इस्तेमाल' किया, लेकिन जून में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद लोग अब जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।
खरगे ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि आगामी बजट के लिए वे कैमरों की छाया में बैठकें कर रहे हैं, लेकिन उन्हें देश के बुनियादी आर्थिक मुद्दों पर भी ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने एक्स पर अपने आधिकारिक अकाउंट पर कहा कि देश की जनता को बेरोज़गारी, महंगाई और असमानता के गर्त में धकेल कर आपकी सरकार ने करोड़ों लोगों का जीवन उजाड़ा है। आने वाले बजट के लिए जब आप कैमरे की छाया में बैठकें कर रहें हैं, तो देश के इन मूल आर्थिक मुद्दों पर भी गौर कीजिए। आपकी नाकामियों की लिस्ट बहुत लंबी है।
खरगे ने कहा कि 9.2 प्रतिशत बेरोज़गारी दर की वजह से युवाओं का भविष्य शून्य की ओर ताक रहा है। 20-24 वर्ष की आयु के लोगों के लिए, बेरोजगारी दर बढ़कर 40 प्रतिशत हो गई है, जो युवाओं के बीच नौकरी के बाजार में गंभीर संकट को उजागर करती है।
खरगे ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने व लागत+50 प्रतिशत एमएसपी का वादा झूठा निकला है। हाल ही में 14 ख़रीफ़ फसल के एमएसपी पर मोदी सरकार ने फिर ये साबित कर दिया कि उसे स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफ़ारिश को केवल चुनावी झुनझुने की तरह इस्तेमाल करना है।
खरगे ने कहा कि जिन 7 पीएसयू में ज़्यादातर सरकारी हिस्सेदारी बेची है, उनमें 3.84 लाख सरकारी नौकरियां छिनी हैं। साल 2016 से अब तक जो आपने 20 टॉप पीएसयू में थोड़ी हिस्सेदारी बेची है, उसमें 1.25 लाख लोगों की सरकारी नौकरियां गई हैं।
खरगे ने कहा कि महंगाई का तांडव चरम पर है। आटा-दाल-चावल, दूध-चीनी, आलू-टमाटर-प्याज़, खाने-पीने की सभी ज़रूरी वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। नतीजा यह है कि परिवारों की घरेलू बचत 50 वर्षों में सबसे कम स्तर पर है। आर्थिक असमानता 100 वर्षों में सबसे ज़्यादा है।