लाहौर/दक्षिण भारत। पाकिस्तान में एक बार फिर 'आटे का संकट' पैदा हो गया है, जिसके बाद लोगों की लंबी कतारें लग सकती हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, शहरी उपभोक्ताओं को आटे की संभावित कमी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि अखिल पाकिस्तान आटा मिल्स एसोसिएशन (पीएफएमए) ने नए लगाए गए कर के विरोध में देशव्यापी हड़ताल की।
विभिन्न शहरों में आटा चक्की के मालिक और आटा डीलर भी हड़ताल में शामिल हो गए हैं, जिससे कई शहरी केंद्रों में आटे की आपूर्ति में काफी व्यवधान आया है। पीएफएमए के अध्यक्ष असीम रजा ने एसोसिएशन की मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रखने का संकल्प लिया है।
रजा ने विदहोल्डिंग टैक्स पर अपनी एसोसिएशन की कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए बताया कि इस उपाय ने आटा मिलों को कर संग्रह के लिए विदहोल्डिंग एजेंट बना दिया है। उन्होंने कहा कि इस कर से आटे की कीमतों में 8 रुपए प्रति किलोग्राम की वृद्धि होने की उम्मीद है।
रजा ने चेतावनी देते हुए कहा कि कर उपाय अस्वीकार्य और अव्यवहारिक है, क्योंकि आटा डीलर कर कटौती के उद्देश्य से अपने कर विवरण साझा करने के बजाय अपनी खेप उठाने से इन्कार कर रहे हैं।
11,000 रुपए के आटे के बैग पर 600 रुपए का कर लगाने को अनुचित बताते हुए पीएफएमए प्रमुख ने पंजाब के खाद्य मंत्री बिलाल यासीन के इस दावे का विरोध किया कि हड़ताल को आशूरा (17 जुलाई) के बाद तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
रजा ने कहा, 'न तो सरकार और न ही एफबीआर ने हमसे बातचीत के लिए या हड़ताल पर पुनर्विचार करने के लिए संपर्क किया है।'