बांग्लादेश में लगी आरक्षण आंदोलन की आग, झड़पों में कई लोगों की मौत

देशभर में नौकरी के इच्छुक कई उम्मीदवार और छात्र गोलियों की चपेट में आ गए

Photo: bdhcdelhi FB page

ढाका/दक्षिण भारत। बांग्लादेश में चल रहे आरक्षण सुधार आंदोलन के दौरान पुलिस और बांग्लादेश छात्र लीग (बीसीएल) के कार्यकर्ताओं के साथ हुईं झड़पों में ढाका, चटगांव और रंगपुर में कई लोगों के मारे जाने की खबर है। 

देशभर में नौकरी के इच्छुक कई उम्मीदवार और छात्र गोलियों की चपेट में आ गए। इसके अलावा, देशव्यापी प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों छात्र घायल हो गए। हताहत होने की पहली घटना बेगम रोकैया विश्वविद्यालय में मंगलवार दोपहर को हुई।

विश्वविद्यालय परिसर में कोटा सुधार की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान एक छात्र की मौत हो गई। मृतक की पहचान 25 वर्षीय अबू सईद के रूप में हुई है, जो विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग का छात्र था और कोटा सुधार आंदोलन के आयोजकों में से एक था।

चटगांव में आरक्षण प्रदर्शनकारियों और बीसीएल कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के दौरान चटगांव कॉलेज के एक छात्र सहित तीन लोगों की मौत हो गई। दो पीड़ितों की पहचान की पुष्टि हो गई है। ढाका कॉलेज क्षेत्र के निकट एक युवक पर हमला किया गया, जिससे उसकी मौत हो गई।

बांग्लादेशी मीडिया में छह लोगों की मौत की पुष्टि की गई है, लेकिन सोशल मीडिया पर कई लोगों के मारे जाने का दावा किया जा रहा है।

ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) ने बुधवार को दावा किया कि पिछले कुछ दिनों में ढाका के कई इलाकों में ड्यूटी करते समय आरक्षण प्रदर्शनकारियों के हमलों में एक इंस्पेक्टर सहित 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए।

आरक्षण प्रदर्शनकारियों ने ढाका विश्वविद्यालय के टीएससी, डोएल छत्तर, सेंट्रल शहीद मीनार, शाहबाग, साइंस लैब, न्यू मार्केट, मोहाखली, मीरपुर, बड्डा, रामपुरा और बनानई सहित कई क्षेत्रों को अवरुद्ध कर दिया।

ढाका में आरक्षण प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों के साथ-साथ कम से कम 25 पत्रकारों पर भी हमला किया।

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