बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक भाजपा ने शनिवार को कांग्रेस सरकार को चुनौती दी कि वह पिछले पांच वर्षों के दौरान हुए '21 घोटालों' की जांच का आदेश दे, जब वह पार्टी सत्ता में थी।
पार्टी ने मुख्यमंत्री सिद्दरामैया के नेतृत्व वाली सरकार पर कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम में 187 करोड़ रुपए के घोटाले में शामिल लोगों को 'बचाने' का आरोप लगाया।
विपक्षी दल के नेता आर अशोक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मुख्यमंत्री ने कहा है कि भाजपा के शासनकाल में 21 घोटाले हुए हैं। आप पिछले 15 महीनों से सत्ता में हैं। आपने इन घोटालों की जांच में इतना समय क्यों लगाया? हम जांच के लिए तैयार हैं।'
उन्होंने कहा, 'जिस तरह से वाल्मीकि निगम के 88 करोड़ रुपए तेलंगाना के विभिन्न बैंक खातों में 'खटाखट' स्थानांतरित किए गए, आपको हमारे खिलाफ अनियमितताओं के आरोपों की 'खटाखट' जांच करनी चाहिए थी।'
पूर्व उपमुख्यमंत्री अशोक ने सिद्दरामैया पर आरोप लगाया कि वे कांग्रेस विधायक बी नागेंद्र, जिन्होंने आदिवासी कल्याण मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है, तथा वाल्मीकि निगम के अध्यक्ष बसनगौड़ा दद्दल को बचाने के लिए वाल्मीकि निगम और एक बैंक के अधिकारियों पर दोष मढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने दावा किया, 'इन अधिकारियों ने कितनी रकम ली होगी? बहुत मामूली रकम। बड़ी रकम कर्नाटक और तेलंगाना में कांग्रेस नेताओं को दी गई है, जहां कांग्रेस सत्ता में है।'
कथित 'घोटाला' तब सामने आया जब निगम के लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन पी ने 26 मई को आत्महत्या कर ली।
सुसाइड नोट में चंद्रशेखरन ने आरोप लगाया कि निगम की 187 करोड़ रुपए की राशि विभिन्न खातों में अवैध रूप से स्थानांतरित की गई।
इसके बाद कांग्रेस सरकार ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया, जिसने अब तक इस मामले के सिलसिले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।