पुणे में बोले शाह- कांग्रेस ने देश में दशकों राज किया, लेकिन गरीबों के उत्थान के लिए क्या किया?

अमित शाह ने पुणे में महाराष्ट्र भाजपा के प्रदेश अधिवेशन को संबोधित किया

शाह ने कहा कि देश में बहुत-सी भ्रांतियां फैलाई गईं, लेकिन हमें उनकी (विपक्ष) भ्रांतियों में नहीं आना है

पुणे/दक्षिण भारत। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रविवार को पुणे में महाराष्ट्र भाजपा के प्रदेश अधिवेशन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने महाराष्ट्र के कार्यकर्ताओं को चुनाव अभियान के दौरान दौड़ते हुए, पसीना बहाते हुए, परिणाम के लिए पल-पल जूझते हुए देखा है। मैं आज कहने आया हूं कि महाराष्ट्र में हर कार्यकर्ता ने परिश्रम की पराकाष्ठा करके भाजपा को यश दिलाने का काम किया है। 

शाह ने कहा कि पुणे बाल गंगाधर तिलक का शहर है। यह वो धरती है, जिसने हमें केसरी अखबार दिया और नारा दिया 'स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा'। मैं सबसे पहले बाल गंगाधर तिलक, बाजीराव पेशवा और वीर सावरकर को नमन करना चाहूंगा।

शाह ने कहा कि 60 साल बाद, देश में किसी एक नेता को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने का यश मिला है, तो वह हमारे नेता नरेंद्र मोदी को मिला है। आज मैं महाराष्ट्र के कार्यकर्ताओं से कहने आया हूं कि विधानसभा चुनाव में साल 2014 व 2019 के योग से भी बड़ी विजय साल 2024 में प्राप्त करने के लिए पुरुषार्थ करना है।

शाह ने कहा कि अगर पिछले तीन चुनावों में कांग्रेस की जीती हुईं सीटों को जोड़ दिया जाए तो भी वह 240 सीटों का आंकड़ा नहीं छू पाती। इस चुनाव में भारत की जनता ने मोदी पर अपनी मुहर लगाई है। भाजपा तीसरी बार विजयी हुई है। हमारे कार्यकर्ता यहीं नहीं रुकेंगे। हम और अधिक मेहनत करेंगे और अपने लिए नए लक्ष्य तय करेंगे। महाराष्ट्र में भगवा फिर से लहराना चाहिए।

शाह ने कहा कि आज मैं एक उदाहरण देकर साल 2024 के चुनाव नतीजे की व्याख्या करना चाहता हूं। दो बच्चे थे, एक ही क्लास में पढ़ाई करते थे। एक बच्चा हमेशा 80 प्रतिशत अंक से पास होता था, क्लास में नंबर वन आता था। तीसरी बार उसने लक्ष्य तय किया कि 80 प्रतिशत नहीं, 90 प्रतिशत लाऊंगा।

दूसरा जो विद्यार्थी था, चार साल से उसी कक्षा में था, वह पास नहीं कर पा रहा था। उसके 20 प्रतिशत अंक आ रहे थे और उसने लक्ष्य रखा कि मैं इस बार 30 प्रतिशत लाऊंगा, उसने पास होने का लक्ष्य नहीं रखा, बल्कि 30 प्रतिशत अंक लाने का लक्ष्य रखा।

उन्होंने कहा कि जब परिणाम आया तो जिसने 90 प्रतिशत का लक्ष्य रखा था, उसके 80 की जगह 78 प्रतिशत अंक आए और दूसरे विद्यार्थी के 20 प्रतिशत की जगह 25 प्रतिशत आ गए। अब आप बताइए कि किस विद्यार्थी का परिणाम अच्छा है? मैंने पहली बार ऐसा देखा है कि 30 प्रतिशत अंक का लक्ष्य तय करने वाला 25 प्रतिशत अंक लेकर अहंकार में आ गया।

शाह ने कहा कि भाजपा को 240 सीटें मिलीं, राजग को 300 सीटें मिलीं और पूरे इंडि गठबंधन को 240 सीटें भी नहीं मिलीं। साल 2014, 2019 और 2024, तीनों चुनावों का अगर योग करें तो भी कांग्रेस पार्टी की सीटें 240 नहीं पहुंचतीं।

शाह ने कहा कि देश में बहुत-सी भ्रांतियां फैलाई गईं, लेकिन हमें उनकी (विपक्ष) भ्रांतियों में नहीं आना है। उन्होंने (विपक्ष) कहा कि भाजपा आरक्षण समाप्त कर देगी, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि 10 साल का विस्तार मोदी के ही समय मिला और पूर्ण बहुमत होने के बावजूद आरक्षण को बल देने का काम हमारे नेता ने किया।

शाह ने कहा कि मैं काफी सोच-समझकर बोल रहा हूं कि महाराष्ट्र में जब-जब भाजपा सरकार आती है, मराठा को आरक्षण प्राप्त होता है और जब-जब शरद पवार की सरकार आती है, मराठा आरक्षण गायब हो जाता है।

शाह ने कहा कि समाज के हर तबके को न्याय देने का काम अगर किसी पार्टी ने किया है तो भाजपा ने किया है। कांग्रेस ने इस देश में दशकों राज किया, लेकिन गरीबों के उत्थान के लिए क्या किया? 

शाह ने कहा कि संप्रग के 10 साल में महाराष्ट्र को केंद्र से सिर्फ 1 लाख 91 हजार करोड़ रुपए मिले थे। जबकि मोदी ने 10 साल में 10 लाख 5 हजार करोड़ रुपए महाराष्ट्र को देने का काम किया।

शाह ने कहा कि मोदी ने नारीशक्ति वंदन अधिनियम से बहनों को लोकसभा और विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण देने का काम किया और देवेंद्र फडणवीस ने माझी लाडकी बहिन योजना के तहत हर बहन को 1,500 रुपए भेजने की शुरुआत की।

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