बेंगलूरु/दक्षिण भारत। सरकारी कर्मचारियों को अब आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने संबंधी अनुमति देने पर कांग्रेस समेत विपक्ष के कई नेताओं ने तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कर्नाटक के मंत्री एचके पाटिल ने कहा, 'ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। सरकारी कर्मचारियों को एक ऐसे संगठन के कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए कहना, जिसकी अपनी अलग विचार प्रक्रिया है, उन्हें सरकार के मुख्य उद्देश्यों से भटका देगा।'
इसी तरह कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा, 'सरकार की ओर से यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण कदम है। सरकार जनता के फैसले से कोई सबक नहीं सीख रही है।'
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि इससे नौकरशाही की निष्पक्षता पर सवाल उठता है। कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी राजनीतिक संगठन का सदस्य नहीं हो सकता। संगठन की सदस्यता पर प्रतिबंध लगाने का एक कारण था।
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आज भाजपा-राजग सरकार अनुमति दे रही है कि सरकारी कर्मचारी आरएसएस की गतिविधियों में हिस्सा ले सकते हैं। मुझे लगता है कि यह बिल्कुल गलत है, क्योंकि ... वे भारत की विविधता को नहीं मानते। वे हिंदू राष्ट्र की कसम खाते हैं। मेरा मानना है कि सभी सांस्कृतिक संगठनों को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।