नई दिल्ली/दक्षिण भारत। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को वर्ष 2024-25 के लिए लगातार सातवां बजट पेश करते हुए इतिहास रचने वाली हैं। इस तरह वे पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड तोड़ देंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट से व्यापक रूप से यह अपेक्षा की जा रही है कि यह विकसित भारत के दीर्घकालिक उद्देश्यों को आगे बढ़ाते हुए महामारी के बाद के राजकोषीय समेकन प्रयासों को मजबूत करेगा।
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के लिए दिशा तय करते हुए, इसका फोकस मध्यम वर्ग को कर लाभ देकर उपभोग को बढ़ावा देना हो सकता है। अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में कृषि, पूंजीगत व्यय और बुनियादी ढांचे पर खर्च और विनिर्माण को बढ़ावा देना शामिल हो सकता है।
वैश्विक विकास में भारत के सबसे बड़े केंद्र के रूप में उभरने के साथ, बजट में तीन प्रमुख प्रवृत्तियों पर ध्यान दिए जाने की उम्मीद है: वैश्विक ऑफशोरिंग, डिजिटलीकरण और ऊर्जा परिवर्तन।
पिछले दशक में मोदी सरकार ने बुनियादी ढांचे के निर्माण में हजारों करोड़ रुपए खर्च किए हैं, बड़ी कंपनियों के लिए करों में कटौती की है और निर्यात-केंद्रित विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी योजनाएं शुरू की हैं। इससे वृहद अर्थव्यवस्था को स्थिर करने में मदद मिली और शेयर बाजारों में उछाल आया। लेकिन रोजगार सृजन, आय असमानता और ग्रामीण संकट की ओर ध्यान देने की जरूरत है।
अगले महीने 65 साल की होने जा रहीं सीतारमण को वर्ष 2019 में भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री नियुक्त किया गया था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्णायक दूसरा कार्यकाल जीता था। तब से, उन्होंने लगातार छह बजट पेश किए हैं, जिसमें इस साल फरवरी में एक अंतरिम बजट भी शामिल है।
वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) के लिए पूर्ण बजट उनका सातवां लगातार बजट होगा। वे देसाई का रिकॉर्ड तोड़ेंगी, जिन्होंने 1959 से 1964 के बीच लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था। हालांकि, देसाई के नाम सबसे ज़्यादा 10 बजट पेश करने का रिकॉर्ड है।