मोदी सरकार के लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के बाद पेश किए गए पहले बजट में प्रधानमंत्री द्वारा लोकसभा चुनाव के दौरान किए गए वादों को पूरा करने की कोशिश नजर आई। इसके साथ ही 'विकसित भारत' के निर्माण के लिए संकल्प की झलक भी दिखी। रोजगार और कौशल पर पांच योजनाओं से युवाओं को सर्वाधिक लाभ होगा। इन योजनाओं की देश को बहुत जरूरत है। इनके जरिए युवा अपने कौशल को निखारेंगे तो रोजगार के कई अवसर उनके हाथों में होंगे। बजट में नौ प्राथमिकताओं का उल्लेख कर सरकार ने बता दिया है कि वह 'विकसित भारत' के लिए दृढ़ संकल्पित है। कृषि में उत्पादकता, रोजगार और कौशल प्रशिक्षण, समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय, विनिर्माण और सेवाएं, शहरी विकास, ऊर्जा सुरक्षा, अवसंरचना, नवाचार, अनुसंधान और विकास तथा अगली पीढ़ी के सुधार जैसे बिंदु महानगरों से लेकर गांव-ढाणियों तक विकास की नई इबारत लिखने में सक्षम हैं। कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए के आवंटन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। प्राकृतिक खेती के लिए 10,000 आवश्यकता आधारित जैव-आदान संसाधन केंद्र स्थापित किए जाने की घोषणा भी रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी। तीन वर्षों में किसानों और उनकी जमीनों को शामिल करने के लिए कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को लागू करने से लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने से निजात मिलेगी, पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा। औद्योगिक सहयोग से महिला छात्रावास और क्रेचों की स्थापना से कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी। महिला केंद्रित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों और स्वयं सहायता समूह उद्यमों को बढ़ावा देने से परिवार सशक्त होंगे।
उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की 100 शाखाएं खोलने का फैसला सराहनीय है। इससे डिजिटलीकरण में तेजी आएगी। जनजातीय-बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में परिवारों के सामाजिक-आर्थिक विकास के संकल्प से 5 करोड़ लोगों को लाभ होगा। ‘तरुण’ श्रेणी के अंतर्गत मुद्रा ऋणों की सीमा को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए करने से उद्यमियों को लाभ होगा। एमएसएमई को उनकी संकट अवधि के दौरान बैंक ऋण जारी रखने की सुविधा के लिए नई व्यवस्था से ऋण सहायता का फैसला इन उद्यमों को ताकत देगा। ई-कॉमर्स निर्यात केंद्रों की स्थापना से उद्यमियों के पास अपने माल की बिक्री के लिए विस्तृत बाजार उपलब्ध होगा। 30 लाख से ज्यादा जनसंख्या वाले 14 बड़े शहरों के लिए कार्यान्वयन और वित्तपोषण रणनीति के साथ आवागमन उन्मुखी विकास योजनाएं तैयार करने से इन शहरों के लोगों का जीवन आसान होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के अंतर्गत 2.2 लाख करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता सहित 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश से लोगों के लिए घर का सपना सच होगा। अगले 10 वर्षों में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को 5 गुणा बढ़ाने के लिए 1,000 करोड़ रुपए की उद्यम पूंजी निधि से इस क्षेत्र में कई संभावनाएं आकार लेंगी। सोलर सैल और पैनलों के विनिर्माण में इस्तेमाल होने वाली पूंजीगत वस्तुएं सीमा शुल्क के दायरे से बाहर करने से हर घर तक सौर ऊर्जा पहुंचाने का सपना साकार होगा। नई कर व्यवस्था में वेतनभोगी कर्मचारी को आयकर में 17,500 रुपए तक की बचत एक उल्लेखनीय राहत है। सरकार ने सामाजिक सुरक्षा लाभों, रोजगार और निवेश, कैपिटल गेन का सरलीकरण, 25 महत्त्वपूर्ण खनिजों को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट, सोने और चांदी पर सीमा शुल्क में कमी, विष्णुपद मंदिर गलियारा, महाबोधि मंदिर गलियारा और राजगीर का व्यापक विकास, ओडिशा के मंदिरों, स्मारकों और प्राचीन समुद्री तटों के विकास के लिए सहायता समेत ऐसी कई घोषणाएं की हैं, जिनका लाभ सर्वसमाज को किसी-न-किसी रूप में जरूर मिलेगा। अब सरकार को चाहिए कि वह इन घोषणाओं को जल्द धरातल पर उतारे।