कर्नाटक: मंत्री पाटिल ने एमयूडीए मामले को लेकर भाजपा के धरने को 'राजनीतिक ड्रामा' बताया

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने एमयूडीए में अनियमितताओं की जांच के आदेश दिए हैं

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बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के कानून मंत्री एचके पाटिल ने गुरुवार को विपक्षी भाजपा की आलोचना की, क्योंकि उसने कथित एमयूडीए घोटाले पर चर्चा की पार्टी की मांग अस्वीकार कर दिए जाने के बाद कर्नाटक विधानसभा में पूरी रात धरना-प्रदर्शन किया।

पाटिल ने कहा कि भाजपा ने मौजूदा विधानसभा सत्र का अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया है, जबकि उसे यह भी बताया था कि मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) में वैकल्पिक स्थल (भूखंड) घोटाले में स्थगन प्रस्ताव क्यों नहीं लाया जा सकता।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्दरामैया ने उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा एमयूडीए में अनियमितताओं की जांच के आदेश दिए हैं।

पाटिल ने पूछा, 'मुख्यमंत्री ने अपने खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया है। क्या ऐसा कोई उदाहरण है कि किसी मुख्यमंत्री ने अपने खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए आयोग का गठन किया हो?'

उन्होंने विपक्षी भाजपा और उसकी सहयोगी जनता दल (एस) से जानना चाहा कि क्या पूर्व मुख्यमंत्रियों एचडी कुमारस्वामी, बीएस येडियुरप्पा और बसवराज बोम्मई द्वारा आयोग गठित करने का कोई उदाहरण है?

मंत्री ने एक बयान में कहा, 'विपक्षी दल को मुख्यमंत्री के रुख की सराहना करनी चाहिए थी। यह (पूरी रात धरना) सिर्फ एक राजनीतिक ड्रामा है।'

उन्होंने याद दिलाया कि विपक्ष उत्तर कन्नड़ जिले के शिरूर में हुए भूस्खलन पर चर्चा करने को तैयार नहीं है।

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