द्रास/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कारगिल विजय दिवस पर यहां देश के शहीदों को नमन किया। इसके बाद उन्होंने एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज लद्दाख की यह महान धरती कारगिल विजय के 25 वर्ष पूरे होने की साक्षी बन रही है। कारगिल विजय दिवस हमें बताता है कि राष्ट्र के लिए दिए गए बलिदान अमर होते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दिन, महीनें, वर्ष, सदियां गुजर जाती हैं, लेकिन राष्ट्र की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वालों के नाम अमिट रहते हैं। यह देश हमारी सेना के पराक्रमी महानायकों का सदा-सर्वदा ऋणी है। यह देश उनके प्रति कृतज्ञ है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि कारगिल युद्ध के समय, मैं एक सामान्य देशवासी के रूप में अपने सैनिकों के बीच था। आज जब मैं फिर कारगिल की धरती पर हूं, तो स्वाभाविक है कि वे स्मृतियां मेरे मन में ताजा हो गई हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे याद है कि किस तरह हमारी सेनाओं ने इतनी ऊंचाई पर, इतने कठिन युद्ध ऑपरेशन को अंजाम दिया था। मैं, देश को विजय दिलाने वाले ऐसे सभी शूरवीरों को आदरपूर्वक प्रणाम करता हूं। मैं उन शहीदों को नमन करता हूं, जिन्होंने कारगिल में मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कारगिल में हमने केवल युद्ध नहीं जीता था, हमने 'सत्य, संयम और सामर्थ्य' का अद्भुत परिचय दिया था। आप जानते हैं, भारत उस समय शांति के लिए प्रयास कर रहा था, बदले में पाकिस्तान ने फिर एक बार अपना अविश्वासी चेहरा दिखाया था, लेकिन सत्य के सामने असत्य और आतंक की हार हुई।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने अतीत में जितने भी दुष्प्रयास किए, उसे मुंह की खानी पड़ी है। पाकिस्तान ने अपने इतिहास से कुछ नहीं सीखा है। वह आतंकवाद के सहारे, प्रॉक्सी वॉर के सहारे अपने आप को प्रासंगिक बनाए रखने का प्रयास कर रहा है। आज मैं उस जगह से बोल रहा हूं, जहां आतंक के आकाओं को सीधे सुनाई पड़ रही है। मैं आतंकवाद के इन सरपरस्तों को कहना चाहता हूं कि उनके नापाक मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद को हमारे जांबाज पूरी ताकत से कुचलेंगे। दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। लद्दाख हो या फिर जम्मू-कश्मीर, विकास के सामने आ रही हर चुनौती को भारत परास्त करके ही रहेगा।