पाकिस्तान में दो कबीलों के बीच छिड़ी खूनी जंग, कम से कम 35 लोगों की मौत

दोनों पक्षों ने भारी हथियारों और रॉकेट से हमला कर एक-दूसरे को बनाया निशाना

Photo: ISPROfficial1 FB page

कुर्रम/दक्षिण भारत। पाकिस्तान में अफगानिस्तान की सीमा से लगे कुर्रम जिले में दो कबीलों के बीच ज़बरदस्त जंग छिड़ गई, जिसके नतीजे में कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई। हालांकि स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने संघर्ष विराम करवा दिया है।

इस संबंध में जानकारी देते हुए कुर्रम जिला मुख्यालय अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक मीर हसन जान ने बताया कि पांच दिवसीय संघर्ष में कई लोगों लोगों की जान जा चुकी है। उन्होंने बताया कि संघर्ष में 166 लोग घायल हुए हैं।

बताया गया कि बोशेहरा और मालीखेल जनजातियों के दो प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच पिछले सप्ताह भूमि विवाद को लेकर शत्रुता बढ़ गई। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के ठिकानों को निशाना बनाने के लिए भारी हथियारों का इस्तेमाल किया।

ये झड़पें पीवार, तांगी, बालिशखेल, खार कलाय, मकबल, कुंज अलीजई, पारा चमकनी और करमन जैसे अन्य इलाकों में भी फैल गई थीं। स्थानीय लोगों ने बताया कि पाराचिनार और सद्दा कस्बों पर भी मिसाइल और रॉकेट दागे गए थे।

रविवार को पुलिस और जिला प्रशासन ने दावा किया कि हांगू और ओरकजई जिलों के एक जिरगा ने शत्रुता समाप्त करने के लिए चार दिनों के अथक प्रयासों के बाद संघर्ष विराम कराने में सफलता प्राप्त की।

उपायुक्त जावेदउल्ला महसूद ने कहा कि जिरगा सदस्यों ने दोनों समूहों के बुजुर्गों के साथ बातचीत की और उन्हें अपने स्थान खाली करने के लिए राजी किया, जिसके बाद दोनों पक्ष संघर्ष विराम पर सहमत हो गए।

अधिकारी ने दावा किया कि बुजुर्गों की मदद से बोशेहरा में संघर्ष विराम लागू कर दिया गया है तथा इसे अन्य क्षेत्रों में भी लागू करने के प्रयास चल रहे हैं, जहां रविवार देर शाम तक गोलीबारी जारी रही।

बोशेहरा में संघर्ष विराम के बाद पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया, लेकिन जिले में कम से कम तीन स्थानों पर गोलीबारी जारी रही।

इस तनाव के कारण सप्ताहांत में सभी शैक्षणिक संस्थान और बाजार बंद रहे। मुख्य सड़कों पर यातायात भी बंद रहा। स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़कें जाम के कारण जिले में खाद्य पदार्थों और दवाओं की कमी हो गई है।

इस बीच, विभिन्न धार्मिक और राजनीतिक दलों ने पाराचिनार और इस्लामाबाद में प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार से तत्काल संघर्ष विराम के लिए कदम उठाने की मांग की।

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