वायनाड भूस्खलन: मददगार बनकर आए सेना के जवान, 1,000 लोगों को बचाया

एनडीआरएफ के कर्मी भी बचा रहे लोगों की जान

Photo: HQNDRF FB page

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। सेना ने बुधवार को केरल के वायनाड जिले में खोज और बचाव अभियान तेज कर दिया, जहां भूस्खलन से 100 से अधिक लोगों की जान चली गई है। सेना ने कहा कि उसने अब तक लगभग 70 शव बरामद किए हैं और लगभग 1,000 लोगों को बचाया है।

मंगलवार तड़के भारी बारिश के कारण वायनाड के पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन हुआ, जिसमें कम से कम 132 लोगों की मौत हो गई और 200 से अधिक घायल हो गए।

अधिकारी ने बताया कि सेना ने अब तक करीब 70 शव बरामद किए हैं और लगभग 1,000 लोगों को बचाया है।

सेना ने बताया कि दो मेडिकल टीमों सहित दो मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) टुकड़ियों को एएन32 और सी-130 विमानों से त्रिवेंद्रम से कोझिकोड ले जाया गया। वे मंगलवार देर रात कोझिकोड हवाईअड्डे पर पहुंचे और रातभर रुके।

पैरा रेजिमेंट ट्रेनिंग सेंटर के कमांडेंट ब्रिगेडियर अर्जुन सीगन अपनी टीम के साथ मंगलवार देर रात पहुंचे। उन्होंने बताया कि सेना के एचएडीआर प्रयासों के समन्वय के लिए एक नियंत्रण केंद्र स्थापित किया गया है।

भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) द्वारा भारी इंजीनियरिंग उपकरण और बचाव डॉग की टीमों को हवाई मार्ग से लाया गया तथा आपदा राहत टीमों को भी भेजा गया।

राज्य सरकार ने 690 फीट लंबा बेली ब्रिज बनाने का अनुरोध किया है। फिलहाल, पुल का 330 फीट हिस्सा मद्रास इंजीनियर ग्रुप सेंटर, बेंगलूरु से सड़क मार्ग से लाया जा रहा है। सेना ने मंगलवार देर रात बताया कि बाकी हिस्सों को दिल्ली कैंट से हवाई मार्ग से लाया जा रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि भारतीय सेना त्वरित और प्रभावी राहत कार्य सुनिश्चित करने के लिए राज्य प्राधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही है।

सेना ने बुधवार को कहा, 'मीपदी-चूरलमाला मार्ग पर एक पुल का निर्माण कार्य शुरू होगा, जिसमें हवाई मार्ग से नदी के दूसरी ओर कुछ मिट्टी हटाने वाले उपकरण भी पहुंचाए जाएंगे।'

About The Author: News Desk