तेहरान/दक्षिण भारत। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने एक बयान में दावा किया है कि हमास के राजनीतिक ब्यूरो प्रमुख इस्माइल हानिया को उड़ाने के लिए इजराइल ने प्रक्षेपास्त्र का इस्तेमाल किया था। उसका वजन लगभग 7 किलोग्राम था।
हानिया की हत्या होने के बाद तीसरे बयान में आईआरजीसी ने शनिवार को कहा कि ज़ायोनी शासन ने गाजा पट्टी पर 300 दिनों के युद्ध में अपनी अपमानजनक हार और असफलता के कारण यह हमला किया है।
उसने इजराइल को हत्या के 'रणनीतिक और विनाशकारी परिणामों' के प्रति भी चेतावनी दी और कहा कि ज़ायोनी शासन और उसके प्रत्यक्ष प्रायोजक यानी अमेरिका को इसका पछतावा होगा।
आईआरजीसी ने कहा कि बच्चों की हत्या करने वाले ज़ायोनी शासन ने इस्लामी दुनिया और प्रतिरोध मोर्चे के भीतर विभाजन और विद्रोह को बढ़ावा देने के उद्देश्य से तेहरान में अपराध को अंजाम दिया, लेकिन समुदाय की सतर्कता ने इज़राइली साजिश को विफल कर दिया।
इसने पश्चिमी और इज़राइली मीडिया आउटलेट्स की रिपोर्टों को भी खारिज किया। दावा किया कि ये जनता का ध्यान भटकाने के लिए 'भयावह राजनीतिक उद्देश्यों' से प्रेरित हैं।
बयान में कहा गया है कि तेहरान में हानिया के आवास पर सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल और सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरी तरह लागू किया गया था, जिसका उपयोग राजनीतिक हस्तियों और विदेशी मेहमानों के ठहरने के लिए किया जाता है।
बयान में कहा गया है कि जांच से पता चलता है कि आतंकवादी कार्रवाई 'लगभग 7 किलोग्राम वजन वाले एक कम दूरी के प्रोजेक्टाइल' के जरिए बड़े विस्फोट के साथ गेस्टहाउस के परिसर के बाहर से की गई है।
आईआरजीसी ने इज़राइल से बदला लेने की प्रतिज्ञा को दोहराया और चेतावनी दी कि उसे उचित समय और स्थान पर उचित गुणवत्ता के साथ 'कठोर दंड' मिलेगा।