ढाका/दक्षिण भारत। नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में काम करने के लिए सहमत हो गए हैं। स्थानीय मीडिया में यह खबर प्रसारित की जा रही है।
एक सूत्र ने यूनुस के हवाले से बताया, 'जब छात्रों की ओर से मुझसे संपर्क किया गया तो पहले तो मैं सहमत नहीं हुआ। मैंने उनसे कहा कि मुझे बहुत सारा काम पूरा करना है। लेकिन छात्रों ने मुझसे बार-बार अनुरोध किया।'
छात्रों में से एक ने तर्क दिया, 'इस आंदोलन में कई लोगों की जान चली गई और कई छात्र और आम लोग मारे गए। अब बांग्लादेश के पास देश को सही तरीके से चलाने का मौका है और यह तभी संभव है, जब आप जिम्मेदारी लेंगे।'
उसने कहा, 'अगर आप जिम्मेदारी लेने के लिए सहमत नहीं हैं, तो यह हममें से किसी के लिए भी अच्छा नहीं होगा। इसलिए हम आपसे जिम्मेदारी लेने के लिए कह रहे हैं।'
यूनुस ने कहा, 'मैंने यह भी सोचा कि इन छात्रों ने इतना विरोध किया, उन्हें इसके लिए इतनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है।'
उन्होंने कहा, 'अगर छात्र इतना त्याग कर सकते हैं, अगर देश के लोग इतना त्याग कर सकते हैं, तो मेरी भी कुछ जिम्मेदारी है। तब मैंने छात्रों से कहा कि मैं जिम्मेदारी ले सकता हूं।'
यूनुस ओलंपिक समिति के निमंत्रण पर विशेष अतिथि के रूप में पेरिस गए थे। लेकिन वे अभी भी अपने इलाज के लिए विदेश में हैं। डॉ. यूनुस के 'जितनी जल्दी हो सके' बांग्लादेश लौटने की उम्मीद है।
मुहम्मद यूनुस ने कहा कि शेख हसीना ने अपने पिता बंगबंधु मुजीबुर्रहमान की विरासत को नष्ट कर दिया।