नई दिल्ली/ढाका/दक्षिण भारत। बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के कारण प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भारत आईं शेख हसीना ने अभी तक अपने अगले गंतव्य के बारे में फैसला नहीं किया है। उनके बेटे सजीब वाजेद जॉय ने यह जानकारी दी है।
जॉय ने जर्मनी के एक मीडिया समूह दिए साक्षात्कार में कहा कि पांच बार प्रधानमंत्री रहीं हसीना इस बात से परेशान हैं कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा कि जिन लोगों के लिए उन्होंने और उनके परिवार ने इतना कुछ किया, वे ही उन पर हमला कर सकते हैं और उन्हें अपमानजनक तरीके से देश छोड़ना पड़ेगा।
जब साक्षात्कारकर्ता ने हसीना की अमेरिका या ब्रिटेन में शरण लेने की योजना के बारे में पूछा तो जॉय ने कहा, 'ये सब अफवाहें हैं। उन्होंने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। वे कुछ समय के लिए दिल्ली में ही रहेंगी। मेरी बहन उनके साथ है। इसलिए वे अकेली नहीं हैं।'
जॉय ने कहा कि उनकी मां बांग्लादेश से जाना नहीं चाहती थीं। मैं इसलिए चिंतित नहीं था, क्योंकि वे बांग्लादेश छोड़ रही थीं, बल्कि इसलिए कि वे बांग्लादेश नहीं छोड़ना चाहती थीं। हमें उन्हें समझाना पड़ा।
जॉय ने कहा, 'मैंने उनसे कहा कि यह अब कोई राजनीतिक आंदोलन नहीं है, यह एक भीड़ है ... वे लोग आपको मार डालेंगे।'
यह पूछे जाने पर कि क्या सेना या किसी अन्य ने उनके जाने के लिए कोई समय-सीमा तय की थी, जॉय ने कहा कि किसी ने भी ऐसी कोई समय-सीमा नहीं दी थी।
जॉय ने कहा, 'एक समय अनुमान था कि प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के आवास तक पहुंच जाएंगे, इसलिए कोई समय सीमा तय नहीं की गई थी। हालांकि एक अनुमान था कि अगर हम इस समय सीमा के भीतर नहीं हटे, तो हम आगे नहीं बढ़ पाएंगे।'
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा क्यों नहीं की, जॉय ने कहा कि सत्ता हस्तांतरण के लिए कुछ प्रारंभिक कार्यों के लिए समय की जरूरत है।
यह पूछे जाने पर कि क्या हसीना के देश छोड़ने से अवामी लीग कार्यकर्ताओं को खतरा है, जॉय ने कहा कि अवामी लीग के कार्यकर्ताओं पर हमले सरकार गिरने से पहले ही शुरू हो गए थे।