मैसूरु/दक्षिण भारत। मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) जमीन आवंटन घोटाले को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामैया के इस्तीफे की मांग को लेकर संयुक्त विपक्षी भाजपा और जद (एस) द्वारा सप्ताह भर से जारी विरोध मार्च शनिवार को यहां एक विशाल रैली के साथ समाप्त हो गया। दोनों दलों ने मुख्यमंत्री के पद छोड़ने तक अपना आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया।
दोनों दलों के नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि वे कर्नाटक में 'भ्रष्ट' कांग्रेस को सत्ता से उखाड़कर भाजपा-जद (एस) को फिर से सत्ता में लाने के लिए मिलकर काम करेंगे।
बता दें कि बेंगलूरु-मैसूरु पदयात्रा का मकसद सिद्दरामैया की पत्नी पार्वती समेत कई लोगों को एमयूडीए द्वारा कथित धोखाधड़ी से भूखंड आवंटित करने को उजागर करना तथा कांग्रेस सरकार को घेरना था।
'मैसूर चलो' विरोध मार्च का आठवां और अंतिम दिन यहां रामास्वामी सर्किल से शुरू हुआ और महाराजा कॉलेज मैदान पर समाप्त हुआ, जहां एक समापन रैली का आयोजन किया गया।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक बीवाई विजयेंद्र, जद (एस) नेता निखिल कुमारस्वामी और दोनों पार्टियों के कई नेताओं और विधायकों ने मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद मार्च में हिस्सा लिया।
सत्तारूढ़ कांग्रेस ने शुक्रवार को सिद्दरामैया के समर्थन में तथा विपक्ष के आरोपों और उनके पैदल मार्च का मुकाबला करने के लिए शहर में एक विशाल जनांदोलन सम्मेलन का आयोजन किया।
वरिष्ठ भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा, जद (एस) नेता और केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी, विजयेंद्र, विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक, दोनों पार्टियों के कई विधायक, सांसद, नेता और कार्यकर्ता रैली में मौजूद थे।
जिस मार्ग से मार्च गुजरा, उसे कई स्थानों पर दोनों पार्टियों के झंडों और प्रमुख नेताओं के चित्रों से सजाया गया था।