हैवानियत की पराकाष्ठा है महिला डाक्टर की हत्या!

कोलकाता  की इस अमानवीय वारदात से पूरा देश मर्माहत और दुःखी है

Photo: PixaBay

.. मनोज कुमार अग्रवाल ..
मो.: 9219179431

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज हास्पिटल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी क्रूरता पाशविकता की जो खूनी वारदात सामने आयी है, उसने एक बार फिर से पूरे देश को झकझोर कर रख दिया हैऔर बता दिया है कि हम कितने कड़े कानून बनाने और महिला सुरक्षा के दावे पेश करे लेकिन सब ढोंग है बेमानी है महिला चाहे खेत खलिहान में हो चाहे सरकारी अस्पताल में वह सब जगह असुरक्षित है खूनी और काम पिपासु इंसान की खाल में छिपे जानवर हर जगह मौजूद हैं और मौका मिलते ही अपनी हवस का शिकार बना देते हैं और इस के लिए हत्या तक कर देते हैं|

डॉक्टर बनने के लिए एक छात्र छात्रा को अपने किशोर से युवावस्था के करीब दस साल खर्च करने होते हैं इस दौरान उसे नीट परीक्षा पास करने से लेकर एमबीबीएस की साढ़े पांच साल की कठिन व विस्तृत पढ़ाई कर परीक्षा पास करना होता है बहुत सारे अभ्यर्थी उच्च अंक के बावजूद सरकारी कालिजो में कम सीट होने के कारण एडमिशन से वंचित रह जाते हैं सामर्थ्यवान परिवार साठ लाख से डेड़ करोड़ रुपये खर्च कर अपने बच्चों को डाक्टरी की शिक्षा दिलाते हैं| इस सब से आप समझ सकते हैं कि एक डाक्टर कितना मेहनत और जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष खपा कर फील्ड में उतरता है| 

बेशक कुछ प्राइवेट अस्पतालों की पैसा कमाने की अनाप शनाप तौर तरीकों के कारण डाक्टरों के पवित्र पेशे पर कुछ लोगों का भरोसा डिगा है लेकिन हकीकत में डाक्टर अस्वस्थ लोगों को स्वास्थ्य देने के लिए अपने जीवन को समर्पण करता है| उसके जीवन का तमाम कार्य समय लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए ही होता है| इसीलिए आज भी डाक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है लेकिन यदि ऐसे ही किसी युवा तीस साल की युवा डाक्टर को एक सरकारी हास्पिटल के सेमीनार हाल में दरिंदगी के बाद बर्बरता से कत्ल कर दिया जाए तो यह न सिर्फ मानवता के साथ क्रूरतम अपराध है वरन समूची व्यवस्था और कानून के शासन पर भी तमाचा है आखिर आजादी के पिछततर साल बाद भी हम देश में कैसी व्यवस्था और सुरक्षा दे रहे हैं जिसमें एक सरकारी अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात महिला डाक्टर तक सुरक्षित नहीं है| महिला सुरक्षा के सारे नारे बेमानी हो जाते हैं|

निसंदेह कोलकाता  की इस अमानवीय वारदात से पूरा देश मर्माहत और दुःखी है| यही कारण है कि न सिर्फ बंगाल, बल्कि पूरे देश में एक बार फिर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं| एक विकृत मानसिकता वाले अपराधी ने जिस प्रकार से मेडिकल कॉलेज के भीतर निर्मम और वीभत्स तरीके से महिला के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या को अंजाम दिया है, उससे यह बात साफ हो जाती है कि महिलाएं न तो घर में सुरक्षित हैं और न ही बाहर| एक विकृत मानसिकता का व्यक्ति कब किसी बेटी या महिला को अपना शिकार बनाए, कहा नहीं जा सकता है| इससे यह भी बात साफ हो जाती है कि पढ़ाई-लिखाई का स्तर ऊंचा उठने, खानपान, फैशन, रहन-सहन आदि मामलों में आधुनिकता बोध पैदा होने के बावजूद महिलाओं को लेकर समाज में कुछ विकृत मानसिकता वाले व्यक्तियों की सोच में कोई परिवर्तन नहीं आया है और आज भी ये महिलाओं को सिर्फ गलत नजरिए से ही देखते हैं| इसी का नतीजा है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध कम होने के बजाए और बढ़ते जा रहे हैं| 

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का एक प्रसिद्ध मेडिकल कॉलेज हैं और इस कॉलेज के सेमिनार हॉल में शुक्रवार को पोस्ट- ग्रेजुएट ट्रेनी महिला डॉक्टर का अर्धनग्न शव मिला था| शुरुआती जांच में सामने आया है कि उसकी रेप के बाद हत्या की गई है| मगर पोस्टमार्टम की जो रिपोर्ट आयी है, वह भी काफी दिल दहलाने वाली हैं| इस रिपोर्ट में कहा गया है कि उसकी दोनों आंखों और मुंह से खून बह रहा था, चेहरे और नाखून पर चोट के निशान थे| पीड़िता के शरीर से भी खून बह रहा था और उसके पेट, बाएं पैर, गर्दन, दाएं हाथ, अनामिका और होंठों पर भी चोट के निशान थे| साफ है कि आरोपी ने डॉक्टर महिला के साथ हैवानियत की सारे हदें पार कर दी है| मृतक मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन विभाग की स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा और प्रशिक्षु डॉक्टर थीं| जूनियर डॉक्टर गुरुवार को अस्पताल में रात की ड्यूटी कर रही थीं| रात १२ बजे के बाद दोस्तों के साथ डिनर भी किया था| इसके बाद से महिला डॉक्टर का कोई पता नहीं चला| 

शुक्रवार सुबह उस वक्त मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया जब चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल से अर्ध नग्न अवस्था में डॉक्टर का शव बरामद हुआ| घटनास्थल से मृतक का मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद किया गया| हालांकि इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है| बलात्कार और हत्या के आरोप में गिरफ्तार संजय रॉय नाम के विरुद्ध पुलिस को काफी ठोस सबूत मिले हैं| पुलिस का मानना है कि सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों के अनुसार गिरफ्तार आरोपी की गतिविधियां काफी संदिग्ध हैं और ऐसा लगता है कि वह सीधे तौर पर अपराध में शामिल है| हालांकि आरोपी के गिरफ्तार होने के बावजूद राज्य में जूनियर डॉक्टरों के साथ नर्सों और अन्य छात्र संगठनों के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है| पश्चिमी बंगाल राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस हत्याकांड के मामले में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है, इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि जरूरत पड़ने पर दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की जायेगी| उन्होंने महिला जूनियर डॉक्टर हत्याकांड को ममता बनर्जी ने दुर्भाग्यपूर्ण और घृणित बताई है|

बहुत जरूरी है कि इस वारदात की  गहन जांच हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले और ऐसी सजा मिलनी चाहिए जो मिसाल बने| महिलाओं के खिलाफ अपराध को रोकने का यदि कड़े कानून उपाय होता तो निर्भया कांड के बाद कड़ी सजा का संशोधन करने के बाद इन वारदातों पर नियंत्रण मिल जाता लेकिन ऐसा नहीं हो सका जाहिर है कि समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव पैदा करना होगा बहन और बेटी की भावना कायम करने की जरूरत है| इस के साथ ही महिलाओं के साथ अपराध पर जीरो टालरेंस नीति अपनानी होगी तभी महिलाओं के खिलाफ होने वाली यौन हिंसा को नियंत्रित किया जा सकता है| महिलाओं के प्रति सोच में बदलाव महिलाओं को सम्मान देना चाहिए ताकि कोई अन्य बेटी बहन इस पाशविकता का शिकार न बने|

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