पाकिस्तानी अदालत ने एक दर्जन मामलों में इमरान की पत्नी की जमानत याचिका खारिज की

न्यायाधीश ने यह भी आदेश दिया कि उनके मामले की जांच सात दिनों में पूरी की जाए

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इस्लामाबाद/दक्षिण भारत। पाकिस्तान की एक आतंकवाद निरोधक अदालत ने पिछले साल 9 मई को हुई हिंसा से संबंधित 12 मामलों में जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी की जमानत याचिका खारिज कर दी है।

वह हिंसा तब भड़की थी, जब पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक को कथित भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया था।

आतंकवाद निरोधी अदालत (एटीसी) रावलपिंडी के न्यायाधीश मलिक एजाज आसिफ ने सोमवार को 49 वर्षीया बुशरा बीबी की याचिका पर सुनवाई के बाद कहा कि उनके मामले में गहन जांच की जरूरत है और इसके बाद जमानत याचिका खारिज कर दी।

न्यायाधीश ने यह भी आदेश दिया कि उनके मामले की जांच सात दिनों में पूरी की जाए। बीबी रावलपिंडी के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज एफआईआर में जमानत मांग रही थीं।

खान और बुशरा दर्जनों अन्य आरोपियों के साथ अदालत में मौजूद थे, जिन्हें 9 मई की हिंसा में संदिग्ध के रूप में नामित किया गया है, जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गए थे।

हिंसा तब शुरू हुई थी, जब पाकिस्तान रेंजर्स ने भ्रष्टाचार के एक मामले में खान को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर में गिरफ्तार कर लिया।

खान की गिरफ्तारी के बाद पीटीआई समर्थकों ने कथित तौर पर लाहौर में पाकिस्तानी सेना की चौथी कोर के कमांडर के आवास और रावलपिंडी में जनरल मुख्यालय सहित देशभर में नागरिक और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया।

बाद में अदालत ने 9 मई के मामलों की सुनवाई 22 अगस्त तक स्थगित कर दी।

इस बीच, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के न्यायमूर्ति मिनागुल हसन औरंगजेब ने पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी के खिलाफ मामलों का विवरण मांगने वाली याचिका को आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दिया।

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