नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित किया। इससे पहले, उन्होंने राजघाट जाकर महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री ने लालकिले पर तिरंगा फहराने के बाद समस्त देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि आज वह शुभ घड़ी है, जब हम देश के लिए मर मिटने वाले, देश की आजादी के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले, आजीवन संघर्ष करने वाले, फांसी के तख्त पर चढ़कर 'भारत माता की जय' का नारा लगाने वाले अनगिनत वीरों को नमन कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के दीवानों ने हमें स्वतंत्रता की सांस लेने का सौभाग्य दिया है। यह देश उनका ऋणी है। ऐसे हर महापुरुष के प्रति हम अपना श्रद्धाभाव व्यक्त करते हैं। आज जो महानुभाव राष्ट्र रक्षा के लिए पूरी लगन से, पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा भी कर रहे हैं और देश को नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास भी कर रहे हैं, वे हमारे किसान हैं, हमारे जवान हैं, हमारे नौजवानों के हौसले हैं, हमारी माताओं-बहनों का योगदान है, दलित-शोषित-वंचित-पीड़ित हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जरा आजादी से पहले के वो दिन याद करें। सैकड़ों साल की गुलामी और उसका हर कालखंड संघर्ष का रहा। युवा हो, किसान हो, महिला हो या आदिवासी हो, वे गुलामी के खिलाफ जंग लड़ते रहे। इतिहास गवाह है, सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के पूर्व भी हमारे देश के कई आदिवासी क्षेत्र थे, जहां आजादी की जंग लड़ी जा रही थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह एक समय था, जब लोग देश के लिए मर-मिटने के लिए प्रतिबद्ध थे और आजादी मिली थी। आज का समय देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता का है। अगर देश के लिए मरने की प्रतिबद्धता आजादी दिला सकती है, तो देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता 'समृद्ध भारत' भी बना सकती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत-2047 सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं। इनके पीछे कठोर परिश्रम चल रहा है, देश के कोटि-कोटि जन के सुझाव लिए जा रहे हैं और मुझे प्रसन्नता है कि मेरे देश के करोड़ों नागरिकों ने 'विकसित भारत-2047' के लिए अनगिनत सुझाव दिए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरे देश के सामान्य नागरिकों ने हमें अमूल्य सुझाव दिए हैं। मैं समझता हूं, जब देशवासियों की इतनी विशाल सोच हो, उनके इतने बड़े सपने हों, देशवासियों की बातों में जब संकल्प झलकते हों, तब हमारे भीतर एक नया दृढ़ संकल्प बन जाता है, हमारे मन में आत्मविश्वास नई ऊंचाई पर पहुंच जाता है।