स्वतंत्रता दिवस पर की बड़ी सीएसआर पहल
बेंगलूरु/दक्षिण भारत। केनरा बैंक ने गुरुवार को देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस पर कहा कि उसे डॉ. अंबेडकर विद्या ज्योति छात्रवृत्ति योजना के जरिए सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए गर्व महसूस हो रहा है।
इस अखिल भारतीय सीएसआर पहल का मकसद पूरे भारत में एससी/एसटी छात्राओं को वित्तीय सहायता देना है। कार्यक्रम की शुरुआत केनरा बैंक के बेंगलूरु स्थित मुख्यालय में प्रबंध निदेशक एवं सीईओ के सत्यनारायण राजू द्वारा छात्रवृत्ति वितरित करके की गई।
दी गई जानकारी के अनुसार, देशभर में केनरा बैंक की शाखाओं ने छात्रवृत्ति वितरण शिविर आयोजित किए, जिनमें कुल 177 क्षेत्रीय कार्यालयों और 26 सर्किल कार्यालयों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम बैंक ने अपनी 7,457 शाखाओं में भी आयोजित किया।
बता दें कि डॉ. अंबेडकर विद्या ज्योति छात्रवृत्ति योजना वर्ष 2013-14 में शुरू की गई थी। इस योजना ने पिछले 11 वर्षों में 46 करोड़ रुपए के वितरण के साथ 95,000 छात्राओं को सहयोग दिया है।
बताया गया कि इस वर्ष, यह योजना 44,742 और छात्राओं को छात्रवृत्ति देकर अपना मिशन जारी रखेगी, जिसके तहत वित्तीय सहायता राशि 18 करोड़ रुपए होगी। हर शाखा कक्षा 5 से 10 तक की एक मेधावी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति छात्रा का चयन करती है और उन्हें कक्षा 5 से 7 के लिए 3,000 रुपए प्रतिवर्ष तथा कक्षा 8 से 10 के लिए 5,000 रुपए प्रतिवर्ष की छात्रवृत्ति देती है।
इस अवसर पर केनरा बैंक के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ के सत्यनारायण राजू ने कहा, 'डॉ. अंबेडकर विद्या ज्योति छात्रवृत्ति पूरे भारत में केनरा बैंक की एक बड़ी सीएसआर पहल है। चूंकि छात्राओं की शिक्षा राष्ट्रीय प्राथमिकता है, इसलिए केनरा बैंक भी इसके लिए प्रतिबद्ध है।'
उन्होंने कहा, 'इस छात्रवृत्ति के जरिए हम चाहते हैं कि वंचित समुदायों की प्रतिभावान छात्राएं खूब बुलंदियां हासिल करें।'
पिछले दो वर्षों में केनरा बैंक ने उन 106 मृतक कर्मचारियों के परिवारों को अनुकंपा नियुक्ति की पेशकश की है, जो जरूरतमंद हैं और वित्तीय अभाव के कारण राहत पाने के लिए तत्काल सहायता के हकदार हैं।
इसके अलावा, केनरा बैंक ने तत्काल वित्तीय सहायता के हकदार 39 परिवारों को उनकी पात्रता के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति के बदले अधिकतम 8 लाख रुपए की एकमुश्त अनुग्रह राशि दी है।
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर केनरा बैंक ने दिव्यांग लोगों को सहायक उपकरण उपलब्ध कराए। उसने वृद्धाश्रम की महिलाओं को भी जरूरी उपकरण भेंट किए।