कराची/दक्षिण भारत। पाकिस्तान बिजनेस काउंसिल (पीबीसी) ने अपनी सरकार को 'चेतावनी' दी है कि कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां पाकिस्तान से अपने दफ्तर स्थानांतरित करने की योजना बना रही हैं और कई कंपनियों ने हाल में ऐसा किया भी है।
यह चेतावनी दुबई चैंबर ऑफ कॉमर्स की एक रिपोर्ट के बीच आई है, जिसमें कहा गया है कि जनवरी और जून 2024 के बीच दुबई में 3,968 पाकिस्तानी कंपनियां पंजीकृत हुईं - जिससे पाकिस्तान इस सूची में दूसरे स्थान पर आ गया। यह आंकड़ा साल 2023 में इसी अवधि के दौरान पंजीकृत 3,395 फर्मों की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक था। पिछले साल दुबई चैंबर ऑफ कॉमर्स ने 8,036 नए पाकिस्तानी व्यवसायों को पंजीकृत किया था।
दुबई स्थित पाकिस्तानी व्यवसायों में उछाल, उस देश से बढ़ते पलायन को दर्शाता है जो पहले से ही गंभीर बेरोजगारी और सुस्त आर्थिक विकास से जूझ रहा है। चूंकि लाखों कुशल और अकुशल श्रमिक पहले ही पाकिस्तान छोड़ चुके हैं तथा लाखों अन्य लोग कथित तौर पर विदेश में अवसर तलाश रहे हैं।
पीबीसी ने एक बयान में कहा, 'कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां (एमएनसी) या तो पाकिस्तान से अपने दफ्तरों को स्थानांतरित करने की योजना बना रही हैं या ऐसा कर चुकी हैं, क्योंकि कथित तौर पर फायरवॉल लगाए जाने से देश भर में इंटरनेट में व्यापक व्यवधान पैदा हो रहा है।'
यह पलायन पाक सरकार की आर्थिक नीतियों में बढ़ते अविश्वास को दर्शाता है। इस अविश्वास में योगदान देने वाले प्रमुख कारकों में व्यापार करने की उच्च लागत, राजनीतिक अनिश्चितताएं, बिजली की बढ़ती लागत और बिगड़ती कानून व्यवस्था शामिल हैं।
पीबीसी ने कहा, 'जहां हम बिजली उत्पादन में निष्क्रिय क्षमता की लागत से जूझ रहे हैं, जिसके कारण बेरोजगारी और निर्यात तथा कर राजस्व में कमी आ रही है, वहीं अब हमें फायरवॉल के खराब क्रियान्वयन के कारण उभरते सॉफ्टवेयर क्षेत्र में निष्क्रिय क्षमता के खतरे से भी निपटना होगा।'
तकनीकी उद्योग ने हाल ही में इंटरनेट के स्लोडाउन पर गंभीर चिंता व्यक्त की और चेतावनी दी है कि इन व्यवधानों से पाकिस्तान को 300 मिलियन डॉलर तक का नुकसान हो सकता है। पीबीसी ने संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे वापस जाएं और सही फ़ायरवॉल प्राप्त करें या रोजगार और निर्यात पर अनावश्यक प्रभाव डाले बिना इसे लागू करना सीखें।
काउंसिल ने कहा, 'कृषि और पर्यटन के अलावा आईटी और आईटी-सक्षम सेवाएं अगले तीन वर्षों में निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने का एक मूल्यवान अवसर प्रदान करती हैं। घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए हाई-स्पीड कनेक्टिविटी भी महत्त्वपूर्ण है।'
ओवरसीज इन्वेस्टर्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (ओआईसीसीआई) ने भी चेतावनी दी है कि पाकिस्तान में बार-बार इंटरनेट बाधित होने से देश की आर्थिक प्रगति बाधित हो सकती है।
पाकिस्तान सॉफ्टवेयर हाउसेस एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि ये व्यवधान महज असुविधाएं नहीं हैं, बल्कि उद्योग की व्यवहार्यता पर प्रत्यक्ष, ठोस और आक्रामक हमला हैं, जिससे विनाशकारी वित्तीय नुकसान होने का अनुमान 300 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो तेजी से बढ़ सकता है।