तेजबीर सिंह ने वायुसेना के मुख्यालय प्रशिक्षण कमान में एसएएसओ का पदभार संभाला

एयर मार्शल को दिसंबर 1988 में भारतीय वायुसेना की उड़ान शाखा में कमीशन दिया गया था

उन्हें 'सुपर हरक्यूलिस' पर विभिन्न परीक्षणों का श्रेय दिया जाता है

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। एयर मार्शल तेजबीर सिंह ने भारतीय वायुसेना के प्रशिक्षण कमान में वरिष्ठ एयर स्टाफ अधिकारी (एसएएसओ) का पदभार ग्रहण किया।

एयर मार्शल को दिसंबर 1988 में भारतीय वायुसेना की उड़ान शाखा में कमीशन दिया गया था। उन्होंने सभी लड़ाकू एयरलिफ्ट भूमिकाओं में 7,000 घंटे से अधिक उड़ान भरी है। वायु अधिकारी रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज, यूके के पूर्व छात्र भी हैं।

उन्होंने 36 वर्षों से अधिक के अपने करियर के दौरान बांग्लादेश में एयर अताशे सहित विभिन्न महत्त्वपूर्ण कमांड और स्टाफ पदों पर कार्य किया है। उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज, नई दिल्ली में वरिष्ठ निर्देशन स्टाफ (वायु) के पद पर भी कार्य किया है।

एयर मार्शल तेजबीर सिंह भारतीय वायुसेना में सी-130जे ‘सुपर हरक्यूलिस’ विमान को शामिल करने और संयुक्त अभियानों के उद्देश्य से पहली ‘स्पेशल ऑप्स’ स्क्वाड्रन की स्थापना में अग्रणी रहे हैं।

उन्हें 'सुपर हरक्यूलिस' पर विभिन्न परीक्षणों का श्रेय दिया जाता है, जिसमें लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी में 16614 फीट की ऊंचाई पर दुनिया की सबसे ऊंची हवाई पट्टी पर उतरने का रिकॉर्ड रखने का गौरव भी शामिल है।

वे भारतीय वायुसेना में उड़ान प्रशिक्षक के रूप में तथा प्रमुख उड़ान प्रशिक्षण प्रतिष्ठान, येलहांका वायुसेना स्टेशन में एयर ऑफिसर कमांडिंग के रूप में प्रशिक्षण से जुड़े रहे हैं।

वायुसेना अधिकारी ने उत्तरी क्षेत्र को सहायता उपलब्ध कराने वाले एक महत्त्वपूर्ण एयरबेस की भी कमान संभाली है। वे वायुसेना मुख्यालय में राष्ट्र निर्माण के विभिन्न कार्यों और अंतरराष्ट्रीय तैनाती में सहयोग देने सहित हवाई गतिशीलता के कार्यों के लिए जिम्मेदार थे।

एयर मार्शल को राष्ट्रपति द्वारा साल 2010 में वायुसेना मेडल और साल 2018 में अति विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया था।

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