पिछले 10 वर्षों में हमारी सौर ऊर्जा क्षमता 33 गुना बढ़ गई: मोदी

प्रधानमंत्री ने पहले अंतरराष्ट्रीय सौर महोत्सव के लिए अपना संदेश दिया

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नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पहले अंतरराष्ट्रीय सौर महोत्सव के लिए अपना संदेश दिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मुझे प्रथम अंतरराष्ट्रीय सौर महोत्सव में आप सभी का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। मैं इस अद्भुत पहल के लिए अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन को बधाई देता हूं।

उन्होंने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय सौर महोत्सव पूरी दुनिया को सूर्य के प्रभाव का जश्न मनाने के लिए एक साथ लाता है। यह एक ऐसा त्योहार है, जो हमें एक बेहतर ग्रह बनाने में मदद करेगा!

प्रधानमंत्री ने कहा कि इतने कम समय में ही आईएसए की सदस्यता 100 देशों तक पहुंच गई है। इसके अलावा, 90 और देश पूर्ण सदस्यता प्राप्त करने के लिए रूपरेखा समझौते का अनुमोदन कर रहे हैं। इस संगठन का विकास 'एक विश्व, एक सूर्य, एक ग्रिड' के दृष्टिकोण के लिए महत्त्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि साल 2015 में, आईएसए की शुरुआत एक छोटे से पौधे के रूप में हुई थी। यह आशा और आकांक्षाओं का क्षण था। आज, यह एक विशाल वृक्ष के रूप में विकसित हो रहा है, जो नीति और कार्रवाई को प्रेरित कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने हरित ऊर्जा के क्षेत्र में कई बड़े कदम उठाए हैं। हम नवीकरणीय ऊर्जा में पेरिस प्रतिबद्धताओं को पूरा करने वाले पहले जी20 राष्ट्र थे। सौर ऊर्जा की उल्लेखनीय वृद्धि इसे संभव बनाने का एक प्रमुख कारण है। 

पिछले 10 वर्षों में हमारी सौर ऊर्जा क्षमता 33 गुना बढ़ गई है। यह गति और पैमाना हमें साल 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता हासिल करने में भी मदद करेगा। सौर क्षेत्र में भारत की वृद्धि एक स्पष्ट दृष्टिकोण का परिणाम है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चाहे भारत हो या दुनिया, सौर ऊर्जा को अपनाने का मंत्र जागरूकता, उपलब्धता और सामर्थ्य है। हमने सौर क्षेत्र में घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करके टिकाऊ ऊर्जा संसाधनों की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत हरित भविष्य के लिए दुनिया के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। पिछले साल जी-20 के दौरान हमने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की नींव रखी थी। समावेशी, स्वच्छ और हरित ग्रह बनाने के हर प्रयास को भारत का समर्थन प्राप्त होगा।

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