बाल मुकुन्द ओझा
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दुनिया में हर मनुष्य सुख और आनन्द का जीवन जीना चाहता है| यह प्रकृति का विधान है| मगर मानव सभ्यता के विकास के साथ साथ पृथ्वी पर विचरण करने वाले प्राणी सुख के साथ दुःख के भी शिकार हुए है| कहीं रोटी, कपडा और मकान का संकट आ खड़ा हुआ तो कहीं मानव जनित समस्याओं से खुद को जूझना पड़ रहा है| नई नई बीमारियों से रू-ब-रू होना पड़ रहा है तो जल, जंगल और पृथ्वी की विभिन्न समस्याओं से दो दो हाथ करने पड़ रहे है| विभिन्न वैश्विक संस्थाओं ने इन सभी संकटों से छुटकारा दिलाने के लिए अनेक समुचित प्रबंध कर मानव को जागरूक और सचेत किया है| ऐसा ही एक ज्वलंत मसला ओजोन परत का है| ओजोन परत के बारे में सामान्यत लोग ज्यादा नहीं जानते है| ओजोन परत ओजोन अणुओं की एक परत है| ओजोन परत हानिकारक पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकती है|
विश्व ओजोन परत संरक्षण दिवस हर साल लोगों को ओजोन परत के महत्व और पर्यावरण पर पड़ने वाले उसके प्रभाव के बारे में जानकारी देने के लिए १६ सितम्बर को मनाया जाता है| विश्व ओजोन दिवस २०२४ का विषय है मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल: जलवायु कार्रवाई को आगे बढ़ाना जो ओजोन परत की रक्षा करने और वैश्विक स्तर पर व्यापक जलवायु के अनुकूल कार्रवाई से जुड़ी पहलों को आगे बढ़ाने में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है| इस दिवस को मनाने की यही वजह है कि ओजोन लेयर के बारे में लोगों को जागरूक किया जा सके| साथ ही इसे बचाने के लिए समाधान निकाले जा सके| केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की सचिव सुश्री लीना नंदन के मुताबिक बढ़ते तापमान के कारण रेफ्रिजरेटर और एयर कंडीशनर जैसे कूलिंग सिस्टम का उपयोग बढ़ रहा है, जिससे तापमान में वृद्धि और भी बदतर हो रही है, जिससे एक दुष्चक्र बन रहा है| उन्होंने हाल ही नई दिल्ली में ३०वें विश्व ओजोन दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम में बताया मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल को प्रभावी ढंग से लागू करना महत्वपूर्ण है और निश्चित तौर पर यह जलवायु परिवर्तन से निपटने के हमारे व्यापक प्रयासों के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है|
सबसे पहले यह जानना जरुरी है की यह ओजोन परत है क्या और इससे हमें किस बात का खतरा है| ओजोन ऑक्सीजन का अपर रूप होता है यानि ओजोन एक हल्के नीले रंग की गैस होती है| ओजोन ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनने वाली एक गैस है जो कि वातावरण में बहुत कम मात्रा में पाई जाती है| ओजोन परत सामान्यत धरती से १० किलोमीटर से ५० किलोमीटर की ऊंचाई के बीच पाई जाती है| जिस प्रकार छाता बारिश से हम को बचाता है वैसे ही यह ओजोन सूर्य के भीषण ताप से पृथ्वी को बचाती है| वैज्ञानिकों के अनुसार यह पृथ्वी और पर्यावरण के लिए एक सुरक्षा कवच का कार्य करती है और सूर्य की खतरनाक पराबैंगनी (अल्ट्रा वायलेट) किरणों से हमें बचाती है| ओजोन परत, गैस की एक नाजुक ढाल है| पृथ्वी को सूर्य की किरणों के हानिकारक प्रभाव से बचाकर हमारे जीवन को संरक्षित रखने में हमारी मदद करती है| बिना ओजोन परत के हम जिंदा नहीं रह सकते क्योंकि इन किरणों के कारण कैंसर जैसी भयावह बीमारी, फसलों को नुकसान और समुद्री जीवों को खतरा पैदा हो सकता है| वैज्ञानिकों का मानना हैं कि ओजोन परत के बिना धरती पर जीवन का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा| संतुलन बिगड़ता है, सर्दियों की तुलना में अधिक गर्मी होती है, सर्दियां अनियमित रूप से आती हैं और ग्लेशियर पिघलने शुरू हो जाते हैं| विभिन्न कारणों से ओजोन परत में छेद होने से पर्यावरण संकट उत्पन्न हो गया मगर अब यह छेद बंद होने से संकट टल गया है|
ओजोन परत हमारे पर्यावरण की ढाल है, जो हमें सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाती है| इसे बचाने की जिम्मेदारी हम सभी की है और इस दिशा में छोटे-छोटे कदम भी बड़े परिवर्तन ला सकते हैं| ओजोन आक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बनने वाली एक गैस है| ओजोन परत गैस की एक नाजुक परत है जो पृथ्वी को सूर्य की किरणों के हानिकारक प्रभाव से बचाने का काम करती है और इस प्रकार यह पृथ्वी पर जीवन को संरक्षित करने में अहम भूमिका निभाती है| ये मनुष्य के साथ पेड़-पौधों और जानवरों के लिए भी बेहद खतरनाक को सकती है|
पृथ्वी अनमोल है| इसी पर आकाश है, जल, अग्नि, और हवा है| इन सबके मेल से सुंदर प्रकृति है| आज हमारी पृथ्वी पर जो इतना बड़ा संकट आ खड़ा है यदि समय रहते इसका निदान-निराकरण नहीं हुआ तो हमें बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी| अगर हमें पृथ्वी को बचाना है तो हमें विश्व ओजोन परत दिवस पर संकल्प लेना चाहिए कि हम पृथ्वी और उसके वातावरण को बचाने का प्रयास करेंगे| धरती को प्रदूषित होने से बचाएंगे| बिजली कि बचत करेंगे और वातावरण को शुद्ध बनाने के हर कार्य को जिम्मेदारी से निभाएंगे ताकि हमारी पृथ्वी और आकाश को हरदृष्टि से सुरक्षित और संरक्षित रखा जा सके|