नई दिल्ली/दक्षिण भारत। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को बताया कि मंत्रिमंडल ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है।
वैष्णव ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों की एक बड़ी संख्या ने वास्तव में 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पहल का समर्थन किया है। जब वे उच्च-स्तरीय बैठकों में बातचीत करते हैं तो बहुत ही संक्षिप्त तरीके से और बहुत स्पष्टता के साथ अपना इनपुट देते हैं। हमारी सरकार उन मुद्दों पर आम सहमति बनाने में विश्वास करती है, जो लंबे समय में लोकतंत्र और राष्ट्र को प्रभावित करते हैं। यह एक ऐसा विषय है, जो हमारे राष्ट्र को मजबूत करेगा।
वैष्णव ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएम अन्नदाता आय संरक्षण अभियान - पीएम-आशा के लिए 35,000 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं।
वैष्णव ने कहा कि आज क्रिएटर इकॉनमी सबसे शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन रही है। हम आईआईटी, आईआईएम की तर्ज पर एक नया संस्थान बना रहे हैं, जिसका औपचारिक नाम बाद में दिया जाएगा, लेकिन संभवतः इसका नाम इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इमर्सिव क्रिएटर्स होगा। इसके पीछे एक बहुत बड़ी सोच है- अपनी सांस्कृतिक विरासत का उपयोग करके स्वयं के आईपी अधिकारों के साथ नई रचनात्मक संपत्तियां बनाना और प्रौद्योगिकी में नेतृत्व करना।
वैष्णव ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 79,156 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ पीएम जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान नामक एक नए कार्यक्रम को मंजूरी दी है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्र ग्रह पर वैज्ञानिक अन्वेषण तथा वायुमंडल, भूविज्ञान को बेहतर ढंग से समझने और उसके घने वायुमंडल की जांच कर बड़ी मात्रा में वैज्ञानिक आंकड़े जुटाने के लिए शुक्र ग्रह परिक्रमा मिशन (वीओएम) को मंजूरी दे दी है।
वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए एक के बाद एक योजनाओं को मंजूरी दी है। एनपीके उर्वरकों के लिए 24,475 करोड़ रुपए की सब्सिडी आवंटित की गई है। पूरी दुनिया में सप्लाई चेन और वैश्विक कीमतों में जो व्यवधान चल रहा है। मध्य पूर्व और रूस-यूक्रेन में संघर्षों को ध्यान में रखते हुए, हमारे किसानों को इन सब से अप्रभावित रखने के लिए, मंत्रिमंडल में पोषक तत्त्व आधारित सब्सिडी आवंटित करने का निर्णय लिया गया है।
वैष्णव ने कहा कि चंद्रयान-4 मिशन को और अधिक तत्वों को जोड़ने के लिए विस्तारित किया गया है। अगला कदम चंद्रमा पर मानव मिशन को भेजना है। इसके लिए सभी प्रारंभिक कदम स्वीकृत किए गए हैं। वीनस ऑर्बिटर मिशन, गगनयान फॉलो-ऑन और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन तथा नेक्स्ट जनरेशन लॉन्च व्हीकल विकास को भी मंजूरी दी गई है।