टोक्यो/दक्षिण भारत। जापान की कंपनी, जिसके ब्रांड के वॉकी-टॉकी लेबनान धमाकों में दिखाई दिए थे, ने कहा कि उस मॉडल का उत्पादन एक दशक पहले बंद कर दिया गया। ओसाका स्थित कंपनी ने एक बयान में कहा कि उसने अक्टूबर 2014 तक अपने आईसी-वी82 दो-तरफ़ा रेडियो का निर्यात मध्य पूर्व सहित अन्य क्षेत्रों में किया था। उसके बाद उसने इन उपकरणों के निर्माण और बिक्री को बंद कर दिया था।
कंपनी ने कहा कि उसने मुख्य इकाई को चलाने के लिए जरूरी बैटरियों का उत्पादन भी रोक दिया है।
बता दें कि लेबनान में में पेजर और वॉकी-टॉकी सहित हजारों इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में धमाके होने से कम से कम तीन दर्जन लोगों की मौत हो गई और 3,000 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
लेबनानी चरमपंथी संगठन हिज़्बुल्लाह ने इज़राइली सरकार पर हमलों की साजिश रचने का आरोप लगाया, जिससे क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है। हालांकि इज़राइल ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
कई सवालों में से एक यह है कि इन उपकरणों में विस्फोटक सामग्री कैसे डाली गई? अगर उक्त कंपनी के वॉकी-टॉकी का निर्माण एक दशक पहले हुआ था तो संभव है कि उन्हें ग्राहकों को बेचने के बाद कोई छेड़छाड़ की गई।
कंपनी ने कहा कि उसके सभी रेडियो वाकायामा प्रांत के एक कारखाने में निर्मित होते हैं। उसने कहा कि वह सरकारी नियमों द्वारा निर्धारित सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करती है तथा उत्पादन का काम विदेश में नहीं कराती है।
एक रिपोर्ट में कंपनी के निदेशक के हवाले से कहा गया है, चूंकि उपकरणों की तस्वीरों में बैटरी कम्पार्टमेंट के आस-पास गंभीर क्षति दिखाई दे रही है, इसलिए हो सकता है कि खरीद के बाद बैटरियों में विस्फोटकों का इस्तेमाल कर उनसे छेड़छाड़ की गई हो।
जापानी विश्वविद्यालय में जोखिम प्रबंधन के एक प्रोफेसर ने बताया कि रोजमर्रा के इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों में विस्फोट एक नए प्रकार के आतंकवाद का संकेत हो सकता है। उन्होंने कहा कि इससे कंपनियों पर अपनी सप्लाई चेन में जोखिम निरीक्षण का विस्तार करने का दबाव बढ़ सकता है, जिसमें वितरण और डिलीवरी भी शामिल है।