अमेरिका-कर्नाटक के बीच 'सिस्टर सिटी' कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव रखा: प्रियांक खरगे

मंत्री खरगे ने अमेरिकी राजदूत के साथ चर्चा की

बेंगलूरु में दूतावास की स्थापना से कन्नड़िगाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे

नई दिल्ली/बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायत राज तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा कि कर्नाटक और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए उन्होंने नई दिल्ली में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी के साथ चर्चा की। वे राष्ट्रीय राजधानी स्थित कर्नाटक भवन में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

मंत्री खरगे ने कहा, 'मैंने उनके सामने मुख्य रूप से 'सिस्टर सिटी' कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव रखा है। सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि नवाचारों और आविष्कारों के मामले में बेंगलूरु और सैन फ्रांसिस्को में कुछ समानताएं हैं।'

मंत्री ने कहा कि कर्नाटक में पर्यावरण, पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचारों को लागू करने, वहां की सीख का उपयोग करने, विशेष रूप से कर्नाटक में बढ़ रहे नवाचारों के लिए अमेरिका में बाजार को सिखाने की संभावनाओं की जांच करने के बारे में भी चर्चा हुई। 

प्रियांक खरगे ने पत्रकारों को बताया कि फिनटेक और एआई, सेमीकंडक्टर उत्पादन और बाजार के साथ एक कौशल गलियारा बनाने के बारे में बातचीत हुई।

राजदूत एरिक गार्सेटी ने आश्वासन दिया कि प्राथमिकता के आधार पर बेंगलूरु में अमेरिकी दूतावास खोलने के लिए सभी कदम उठाए जाएंगे। 

मंत्री खरगे ने यह भी कहा कि बेंगलूरु में दूतावास की स्थापना से कन्नड़िगाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। 

अमेरिकी राजदूत ने कहा कि दूतावास खोलने के लिए कर्नाटक और बेंगलूरु हमारे लिए स्वाभाविक पसंद हैं, क्योंकि राज्य अब दुनिया का चौथा सबसे बड़ा प्रौद्योगिकी केंद्र है। अमेरिका और कर्नाटक के बीच प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में समानताएं हैं।

खरगे ने कहा कि राजदूत एरिक गार्सेटी की राय है कि कर्नाटक, भारत में पूंजी और व्यापार के लिए उपयुक्त है, क्योंकि यह विकास और एआई कौशल के मामले में दुनिया में तीसरे स्थान पर है।

राजदूत ने इस बात की भी सराहना की कि हमारा मानव संसाधन पूरी दुनिया के लिए एक मॉडल है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में दूतावास खोलने से अमेरिका और भारत को मदद मिलेगी। 

मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने बेंगलूरु में दूतावास खोलने का जो संदेश दिया था, उसे अमेरिकी राजदूत तक पहुंचा दिया है।

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