बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री सिद्दरामय्या की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें भूमि आवंटन मामले में उनके खिलाफ जांच के लिए राज्यपाल की मंजूरी को चुनौती दी गई थी।
कर्नाटक उच्च न्यायालय के इस फैसले से मुख्यमंत्री सिद्दरामय्या को झटका लगा है। अब भूमि आवंटन मामले में उनकी भूमिका की जांच को लेकर रास्ता साफ हो गया है।
मुख्यमंत्री ने मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा एक प्रमुख इलाके में उनकी पत्नी को 14 जगहों के आवंटन में कथित अनियमितताओं में उनके खिलाफ जांच के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा दी गई मंजूरी को चुनौती दी थी।
19 अगस्त से छह बार याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने 12 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
न्यायालय ने 19 अगस्त के अपने अंतरिम आदेश को भी बढ़ा दिया था, जिसमें जनप्रतिनिधियों के लिए विशेष अदालत को निर्देश दिया गया था कि वह मामले में उनके खिलाफ शिकायतों की सुनवाई करने के लिए याचिका के निपटारे तक अपनी कार्यवाही स्थगित कर दे।
कर्नाटक भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्दरामय्या के इस्तीफे की मांग की है।