बेंगलूरु/दक्षिण भारत। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरामय्या ने मंगलवार को कहा कि वे जमीन आवंटन मामले में जांच का सामना करने से नहीं हिचकिचाएंगे। उन्होंने कहा कि वे यह पता लगाने के लिए कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श करेंगे कि क्या कानून के तहत ऐसी जांच की अनुमति है।
जमीन आवंटन मामले में उनके खिलाफ जांच के राज्यपाल थावरचंद गहलोत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को उच्च न्यायालय द्वारा खारिज करने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिद्दरामय्या ने कहा कि सत्य की जीत होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'मुझे मीडिया के माध्यम से उच्च न्यायालय के आदेश के बिंदु पता चले हैं। आदेश की प्रति पढ़ने के बाद विस्तृत प्रतिक्रिया दूंगा। ... मैं किसी भी जांच से पीछे नहीं हटूंगा। मैं इस बारे में विशेषज्ञों से सलाह लूंगा कि क्या कानून के तहत ऐसी जांच की अनुमति है। मैं कानूनी विशेषज्ञों से चर्चा करूंगा और संघर्ष का स्वरूप तय करूंगा।'
उन्होंने कहा, 'शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में धारा 218 बीएनएसएस, 17ए और 19पीसी अधिनियम के तहत जांच और अभियोजन की अनुमति मांगी थी, लेकिन राज्यपाल ने प्राथमिक स्तर पर 19पीसी अधिनियम के तहत मांगी गई अभियोजन अनुमति देने से इन्कार कर दिया था।'
उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले दिनों में सच्चाई सामने आ जाएगी और 17ए की जांच रद्द कर दी जाएगी। इस राजनीतिक संघर्ष में राज्य की जनता मेरे साथ है। उनका आशीर्वाद ही मेरी सुरक्षा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं कानून पर विश्वास रखता हूं। इस संघर्ष में अंततः सत्य की जीत होगी। यह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की बदले की राजनीति के खिलाफ लड़ाई है। भाजपा, जद (एस) की इस बदले की राजनीति के खिलाफ हमारी न्यायिक लड़ाई जारी रहेगी। मुझे न्यायालय पर भरोसा है।'