एमयूडीए मामला: शिकायतकर्ता ने सबूत नष्ट करने की कोशिश का आरोप लगाया, ईडी से कार्रवाई की मांग की

'न्यायालय की अनुमति के बिना संपत्ति की स्थिति से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती'

Photo: Enforcement Directorate

बेंगलूरु/दक्षिण भारत। एमयूडीए मामले में शिकायतकर्ताओं में से एक प्रदीप कुमार एसपी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सिद्दरामय्या और अन्य लोग 'घोटाले' में सबूत नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय से उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया।

लोकायुक्त पुलिस ने 25 सितंबर को विशेष अदालत के आदेश के बाद सिद्दरामय्या, उनकी पत्नी पार्वती बीएम, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी, देवराजू (जिनसे मल्लिकार्जुन स्वामी ने जमीन खरीदकर उन्हें उपहार में दी थी) तथा अन्य के खिलाफ 27 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज की थी।

विशेष अदालत का यह आदेश उच्च न्यायालय द्वारा सिद्दरामय्या के खिलाफ जांच करने के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा दी गई मंजूरी को बरकरार रखने के एक दिन बाद आया।

सिद्दरामय्या की पत्नी द्वारा स्वामित्व और कब्जे को छोड़ने के निर्णय के बाद, एमयूडीए ने मंगलवार को उन्हें आवंटित 14 भूखंडों को वापस लेने का निर्णय लिया। आयुक्त एएन रघुनंदन ने बताया कि एमयूडीए ने इन भूखंडों के बिक्री डीड को रद्द करने का आदेश दिया है।

ईडी को लिखे पत्र में कुमार ने कहा कि न्यायालय की अनुमति के बिना संपत्ति की स्थिति से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।

उन्होंने अपने पत्र में कहा, 'मैं सम्मानपूर्वक अनुरोध करता हूं कि आरोपी को तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए, अन्यथा पूरे मामले के साक्ष्य नष्ट हो सकते हैं।' उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री और अन्य के खिलाफ सबूत नष्ट करने आदि के लिए शिकायत दर्ज करें।'

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