तेहरान/दक्षिण भारत। जिनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में ईरान के स्थायी प्रतिनिधि ने मानवाधिकार संस्थाओं से आग्रह किया कि वे लेबनान और फिलिस्तीन में कार्रवाइयों के लिए इजराइल को जवाबदेह ठहराएं।
ईरानी राजदूत अली बहरीनी ने अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट मूवमेंट के अध्यक्ष तथा संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त को अलग-अलग पत्र लिखकर कार्रवाई का आह्वान किया।
ईरानी राजदूत ने लेबनान पर इजराइल के हालिया हमलों की निंदा करते हुए, अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आक्रामकता पर तत्काल प्रतिक्रिया देने और उसके 'अपराधों' के लिए उसे जवाबदेह ठहराने की मांग की।
उन्होंने यह भी कहा कि बेरूत में इजराइली हवाई हमले, जिसके कारण हिज्बुल्लाह नेता सैयद हसन नसरुल्लाह और ईरानी जनरल अब्बास निलफूरोशन की हत्या हुई थी, की कड़ी निंदा की जाती है और यह मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन है।
ईरानी राजदूत ने कहा कि इन हमलों में इजराइल द्वारा बीएलयू-109 बमों सहित अमेरिका निर्मित हथियारों का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि पश्चिम, विशेष रूप से अमेरिका, इजराइल की सैन्य कार्रवाइयों में सीधे तौर पर शामिल है। उन्होंने इजराइल को पश्चिमी देशों द्वारा हथियारों की आपूर्ति को तत्काल रोकने का आग्रह किया।
इजराइल के खिलाफ ईरान की सैन्य प्रतिक्रिया का उल्लेख करते हुए, राजदूत ने कहा कि आक्रामकता के जवाब में और ईरान की राष्ट्रीय संप्रभुता तथा क्षेत्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए मिसाइलें दागी गईं।