यमन पर अमेरिका, ब्रिटेन के हमलों से भड़का ईरान, दिया यह बयान

यमन पर इस तरह के हमलों के लिए उनकी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी की याद दिलाई

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तेहरान/दक्षिण भारत। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाकेई ने यमन की राजधानी सना और प्रमुख बंदरगाह शहर हुदयदाह सहित कई शहरों पर अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा किए गए सैन्य हमलों की कड़ी निंदा की है।

एक बयान में बाकेई ने यमन पर अमेरिका और ब्रिटेन के बार-बार हमलों की निंदा करते हुए इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के मौलिक सिद्धांतों का खुला उल्लंघन बताया।

उन्होंने हमलावरों को यमन पर इस तरह के हमलों के लिए उनकी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी की याद दिलाई।

ईरानी प्रवक्ता ने क्षेत्र में लगातार असुरक्षा और अस्थिरता का मूल कारण इजराइली शासन की कब्जे, आक्रामकता और विस्तारवाद की नीति को बताया तथा क्षेत्र में शांति और स्थिरता की वापसी के लिए लेबनान के खिलाफ आक्रामकता और गाजा में कार्रवाई को रोकने की जरूरत पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि यमन और क्षेत्र के अन्य देशों के लोगों द्वारा फिलीस्तीन, लेबनान और सीरिया के खिलाफ इजराइली कार्रवाई के जवाब में उठाए गए कदम स्वाभाविक प्रतिक्रिया है।

बाकेई ने विश्वास जताया कि अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा यमन के लोगों के खिलाफ सैन्य बल का अवैध प्रयोग किसी भी तरह से फिलिस्तीन और लेबनान के लोगों की रक्षा करने के उनके दृढ़ संकल्प को कमजोर नहीं करेगा।

उनकी यह टिप्पणी अमेरिकी सेना द्वारा यमन के कई शहरों पर हमले के बाद आई है।

मध्य पूर्व में अमेरिकी सेना के लिए जिम्मेदार सैन्य कमान, यूएस सेंट्रल कमांड के बलों ने कहा कि उन्होंने शुक्रवार को यमन के क्षेत्रों में 15 हूती ठिकानों पर हमले किए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, चार हमले सना और सात हमले हुदयदाह को निशाना बनाकर किए गए। हुदयदाह हमलों में हवाई अड्डे और कथीब क्षेत्र को निशाना बनाया गया। कम से कम एक हमला धमार प्रांत में हुआ तथा सना के दक्षिण-पूर्व में बायदा प्रांत में हवाई हमले हुए।

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