महंगी पड़ी 'टाइम मशीन'

हर साल ठग नए-नए शिगूफे छोड़ते हैं और उन्हें निराश नहीं होना पड़ता

बढ़ती उम्र से मुंह मोड़ने की इतनी ख्वाहिश क्यों?

उत्तर प्रदेश में सैकड़ों लोगों को 'जवान' बनाने का झांसा देकर करोड़ों रुपए ठगने का मामला हैरान कर देने वाला है! पैंसठ की उम्र वालों को 25 का बनाने का वादा कर एक दंपति कितनी आसानी से इतना बड़ा कांड कर गया! जो लोग ठगे गए, क्या उन्हें पता नहीं था कि जिस 'टाइम मशीन' के नाम पर उनकी जेबें ढीली करवाई जा रही हैं, उसके बारे में थोड़ी तो जानकारी जुटा लें? ताज्जुब की बात यह है कि उस दंपति के झांसे में आने वाले कई लोग उच्च शिक्षित थे। एक महिला डॉक्टर ने भी उन ठगों पर भरोसा कर लिया। 

हमारे देश की जनता कितनी मासूम है! हर साल ठग नए-नए शिगूफे छोड़ते हैं और उन्हें निराश नहीं होना पड़ता। सोचिए, अगर कुछ हजार रुपए खर्च कर बुढ़ापे को जवानी में बदलना संभव होता तो ऐसा दावा करने वाले लोग खुद हमेशा के लिए जवान क्यों नहीं हो जाते? वे अपने माता-पिता, रिश्तेदारों, दोस्तों आदि को 'जवान' क्यों नहीं बना देते? जो लोग उनके झांसे में आए, उनके मन में सबसे पहले ये ही सवाल उठने चाहिए थे। 

क्या ठगी के आरोपियों ने उनके सामने अपने घर-परिवार के ऐसे बुजुर्गों को मिसाल के तौर पर पेश किया था? अगर सच में ऐसा होता तो यह विज्ञान से जुड़ी महान खोज होती, जिसका फायदा जो बाइडन और शी जिनपिंग जैसे राजनेता उठाकर पूरी तरह जवान हो चुके होते। इस कथित 'टाइम मशीन' को इजराइली बताया जा रहा है। चूंकि इजराइल ने विज्ञान और अनुसंधान में बहुत प्रगति की है, इसलिए अगर कोई चीज उसके साथ जोड़ दी जाती है तो लोग उस पर जल्द भरोसा कर लेते हैं। 

उत्तर प्रदेश में जो लोग ठगे गए, उन्हें इस झांसे में आने से पहले इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की तस्वीर देख लेनी चाहिए थी। लगभग 74 साल के नेतन्याहू के चेहरे पर उम्र का असर साफ देखा जा सकता है। अगर कथित इजराइली मशीन इतनी ही चमत्कारी होती तो नेतन्याहू बहुत पहले जवान हो जाते! आज इजराइल के साथ ईरान, लेबनान, फिलिस्तीन जैसे देशों की जो लड़ाई चल रही है, उसमें नया मोड़ आ जाता। ये देश इजराइल से किसी भी कीमत पर वह तकनीक हासिल करने की कोशिश करते।

सवाल है- बढ़ती उम्र से मुंह मोड़ने की इतनी ख्वाहिश क्यों? जो लोग उम्र के उस पड़ाव तक पहुंच जाएं, उन्हें तो खुद को सौभाग्यशाली समझना चाहिए। दुनिया में कितने ही लोग ऐसे हैं, जो अपनी ज़िंदगी में साठ वसंत नहीं देख पाए। हां, ईश्वर ने जो भौतिक शरीर दिया है, उसकी ठीक तरह से संभाल जरूर करनी चाहिए। इसके लिए योग-प्राणायाम करें, ऋतु के अनुकूल दिनचर्या अपनाएं, सात्विक भोजन करें, मन-वचन-कर्म से किसी को कष्ट न पहुंचाएं, जीवन में जो कुछ पाया, उससे संतुष्ट रहें, ईश्वर को धन्यवाद दें, क्योंकि आपके पास ऐसा बहुत कुछ है, जो दुनिया में करोड़ों लोगों के पास नहीं है। 

अगर जवानी का मतलब 'सकारात्मकता, नई ऊर्जा, नई सोच' है तो 65 की उम्र वाले भी जवान हो सकते हैं। साहित्य, संस्कृति, शिक्षा, राजनीति, व्यवसाय समेत विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे कई लोग हैं, जो 60 साल की उम्र के बाद खूब चमके। पूर्व राष्ट्रपति एवं प्रख्यात वैज्ञानिक (स्व.) डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भारत के युवाओं के बीच लगभग 71 साल की उम्र में लोकप्रिय हुए थे। उनके व्याख्यान सुनने के लिए किशोरों और युवाओं की भीड़ उमड़ने लगी थी, जो समय के साथ बढ़ती ही गई। डॉ. कलाम के पास ज्ञान, प्रेरणा और अनुभव का ऐसा खजाना था, जिससे देश के नौजवान सीखना चाहते थे। 

जो लोग अपनी ज़िंदगी के साठ, सत्तर, अस्सी ... साल देख चुके हैं, उनके पास यकीनन बहुत अनुभव होता है। उन्हें भी चाहिए कि वे इसे नई पीढ़ी के साथ साझा करें, उसका भविष्य बेहतर बनाएं। सोचिए, अगर किसी तरह फिर से 'जवान' हो भी गए तो वह जवानी कितने वर्षों तक रहेगी? 

हम आपको 'जवान' होने का नहीं, बल्कि 'अमर' होने का सूत्र बता रहे हैं। वह है- जितना संभव हो, भलाई करें। अपनी बुद्धि, शक्ति, सामर्थ्य, विवेक और संसाधनों से इस धरती को और सुंदर, और बेहतर जगह बनाने में योगदान दें। भौतिक शरीर कुछ वर्षों / दशकों बाद रहे या न रहे, आपके द्वारा की गई भलाई हमेशा रहेगी, वह और ज्यादा भले कामों की बुनियाद बनेगी।

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