हर्षवर्धन पाण्डे
शासन की संपूर्ण व्यवस्थाओं में जनता के प्रति जवाबदेही,पारदर्शिता और सेवा-भाव से सभी को समर्पित कार्यप्रणाली सुनिश्चित करना सुशासन का मूलमंत्र है| भारतवर्ष में आदिकाल से ही सुशासन की परंपरा रही है| आदिकाल की इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए डॉ. मोहन यादव के दूरदर्शी नेतृत्व में मध्य प्रदेश भी सुशासन के नए अध्याय लिख रहा है| मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने १३ दिसम्बर २०२३ को प्रदेश की बागडोर संभाली| उनके बागडोर संभालते ही प्रदेश में सुशासन का सूर्यादय हुआ है| प्रदेश सरकार सबका साथ-सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास के मूलमंत्र को लेकर आगे बढ़ रही है| मुख्यमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में ९ माह की अल्पावधि में कई जनहितकारी फैसलों से समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए प्रदेश सरकार ने अनेक कदम उठाए गए हैं| सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति का प्रतिफल है कि आज प्रदेश में मोहन सरकार जनता से जुड़े फैसले ले रहे हैं | इसका मुख्य कारण स्वच्छ और ईमानदार प्रशासन और सरकारी काम-काज में पारदर्शिता लाना रहा है| आम आदमी की जिंदगी में बदलाव लाना मुख्यमंत्री डॉ. यादव का मुख्य उद्देश्य है| अल्प अवधि में मोहन सरकार ने जनता से किए गए वादे पूर्ण करने की दिशा में कई ठोस कदम उठाए हैं, जिसके कारण प्रदेश में विकास का नया दौर शुरू हुआ है| सेवा, सुशासन, सुरक्षा एवं विकास के संकल्प को लेकर प्रदेश सरकार जनता की सेवा में दिन-रात लगी हुई है|
मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने अपने छोटे से कार्यकाल में अपने काम से न केवल जनता का दिल जीता है बल्कि अपने सख्त निर्णयों के माध्यम से राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने भी अपनी अलहदा पहचान बनाने में सफलता पाई है| उन्होनें योग्य अफसरों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देकर अपने बुलंद इरादों को सभी के सामने जता दिए| इस छोटे से कार्यकाल में उन्होनें अपनी खुद की नई टीम बनाई और सीएम आवास से लेकर मंत्रालय, संभाग और जिलों में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी करने से भी परहेज नहीं किया| हर समय एक्शन में रहने वाले डा. मोहन यादव के तेवरों को देखकर आज प्रदेश में पूरी नौकरशाही सहमी हुई है| मंत्रालय का वल्लभ भवन कमलनाथ के दौर में दलालों का अड्ड़ा बना था| वहॉं पर भी ताबड़तोड़ तबादलों से मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने खलबली मचा दी| हर किसी अधिकारी के ट्रैक रिकार्ड को न केवल खंगाला बल्कि कार्यक्षमताओं के अनुरूप सभी को नए कार्यों का प्रभार सौंपा| ख़ास बात ये है इस सरकार में बेलगाम नौकरशाही पर भी नकेल कसी गई है जिस कारण मध्यप्रदेश का डबल इंजन विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है| नए मुखिया की तीव्र गति से निर्णय लेने की क्षमताओं से मध्यप्रदेश में एक बदलाव की नई बयार देखने को मिल रही है| नई विकेन्द्रीकरण की व्यवस्था होने से अब प्रदेश के विकास कार्यों में न केवल तेजी आयी है बल्कि समय -समय पर मॉनीटरिंग किये जाने से जनता के हित में तेजी से निर्णय लिये जा रहे हैं|
साइबर तहसील डिजिटल इंडिया की दिशा में प्रदेश के नागरिकों को सुविधा प्रदान करने की दिशा में की गई बड़ी पहल है| इसके जरिए लोगों को कई कामों को करने में आसानी हुई है| खास तौर पर भूमि या भूखंड खरीदी बिक्री के बाद आने वाली कठिनाइयों को साइबर तहसील के जरिये काफी आसान कर दिया गया है| इससे लोगों को भाग दौड़ से निजात मिल रही है और समय की भी बचत हो रही है| साइबर तहसील खोले जाने का सबसे प्रमुख उद्देश्य सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और लोगों को सुविधा पहुंचना है| साइबर तहसील बनने के बाद रजिस्ट्री होने पर बिना किसी आवेदन के नामांतरण प्रक्रिया शुरू हो जाएगी| साइबर तहसील में सार्वजनिक नोटिस की प्रक्रिया को भी सरल किया गया है| क्रेता- विक्रेता और गांव के निवासियों को एसएमएस के माध्यम से सार्वजनिक नोटिस जारी किया जाता है| इसके अलावा आपत्तियों को लेकर भी ऑनलाइन प्रक्रिया का पालन किया जाता है| एसएमएस में १० दिनों के अंदर ऑनलाइन आपत्तियां दर्ज करने के लिए लिंक भी प्रदान किया जाता है| साइबर तहसील में पटवारी की सकारात्मक रिपोर्ट और कोई आपत्ति नहीं होने पर तुरंत नामांतरण आदेश जारी किया जाता है| इसके अलावा भू अभिलेख अपडेट करने को लेकर भी रियल टाइम में तुरंत खसरा, नक्शा जैसे भू अभिलेख ऑनलाइन दर्ज हो जाते हैं| इतना ही नहीं प्रमाणित प्रति भी व्हाट्सएप और ईमेल के माध्यम से तुरंत भेज दी जाती है| मुख्यमंत्री की शपथ लेने के तुरंत बाद डा. मोहन यादव का पहला फैसला मध्यप्रदेश में धार्मिक स्थानों पर जोर से लाउड स्पीकर बजाने और खुले में मांस और अंडे की बिक्री पर सख्ती से रोक का रहा| इस फैसले का सभी ने तहे दिल से स्वागत किया| अपराधियों के घरों पर मोहन सरकार भी अपनी बुलडोजर नीति पर चल रही है जिससे अपराधियों के मन में खौफ बैठ गया है|मुख्यमंत्री डा.मोहन नई बसाहट के साथ काम करना चाहते हैं जो त्वरित निर्णय ले सके|
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने १०० दिनों के कार्यकाल में पहली बार हुकुमचंद मिल इंदौर के ४ हजार ८०० श्रमिकों को उनका हक दिलाया है| तीस वर्ष से अटके इस मामले को डॉ. मोहन यादव ने एक ही बैठक में निपटा दिया| मध्यप्रदेश सरकार, राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार के बीच २८ जनवरी को श्रमशक्ति भवन स्थित जल शक्ति मंत्रालय के कार्यालय में संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी लिंक परियोजना के त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए जिससे मध्यप्रदेश के चंबल और मालवा अंचल के १३ जिलों की आम जनता को मिलेगा| कई बरसों से लटके इस मामले को मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने जयपुर में एक ही बैठक में निपटा दिया| सीएम के निर्देश पर राजस्व महाअभियान चलाया गया जिसमें लाखों प्रकरणों का निपटारा हुआ| अभियान के तहत डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण भी किया गया| अविवादित नामांतरण प्रकरणों का निराकरण ३० दिन में, विवादित नामांतरण प्रकरणों का निराकरण १५० दिन में किया जायेगा| बंटवारा प्रकरणों के निराकरण की समय-सीमा ९० दिन है और सीमांकन प्रकरणों को ४५ दिन में निराकृत करने के निर्देश दिये गये हैं| इसके साथ ही नक्शे में तरमीम का कार्य सतत जारी रहेगा|
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने श्रीराम पथ गमन न्यास की पहली बैठक में अयोध्या की तर्ज पर चित्रकूट में भी विकास कार्य करवाए जाने की बड़ी घोषणा की| जिन स्थानों से भगवान राम गुजरे सरकार ने उन स्थानों को सड़क मार्ग से जोड़ने का ऐलान कर सनातन प्रेमियों का दिल जीतने का काम किया है|प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत २०४७ के विजन को आगे बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश की डॉ. मोहन यादव की सरकार ने महाकाल की नगरी में रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव’ के सफल आयोजन किया जिसके माध्यम से प्रदेश में निवेश की बड़ी संभावनाएं बन रही हैं| उज्जैन धार्मिक पर्यटन के साथ इंदौर और देवास से मिलकर एक महानगर के रूप में विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री प्रयत्नशील हैं| मोहन सरकार की अब तक की दिशा देखकर स्पष्ट नजर आता है कि वह पार्टी के संकल्प पत्र में किये गए वायदों को पूरा करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संचालित योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन और मोदी की हर गारंटी पूरा करने के लिए डॉ. मोहन यादव ने अपनी पूरी ऊर्जा लगा दी है| मध्यप्रदेश के गरीब और मध्यमवर्ग के परिवारों ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा परिवार में कोई सदस्य अगर बीमार पड़ गया तो उसे एयर एम्बुलेंस जैसी सुविधा मिलेगी लेकिन डॉ. मोहन ने अपने कार्यकाल में प्रदेश की जनता को इसकी बड़ी सौगात दी|
मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने अपने गुड गवर्नेंस के मॉडल को सभी के सामने पेश किया है जिसमें जनता के हितों की अनदेखी होनी फिलहाल तो मुश्किल दिखाई दे रही है| नया ’मोहन मॉडल ’सबकी जुबान पर चढ़ रहा है| एमपी की जनता भी उनके निर्णयों पर हामी भरती नजर आ रही है| पक्ष और विपक्ष भी उनकी नीतियों और काम करने के अलहदा अंदाज का का तोड़ नहीं निकाल पा रहा है| हालॉंकि सरकार का १० माह का कार्यकाल बहुत छोटा होता है लेकिन मोहन यादव ने अपने छोटे से कार्यकाल में इस बात को प्रदेश के भीतर स्थापित कर दिया है उन्हें कमतर आंकने की भूल कोई भी नहीं करे, वह मध्यप्रदेश की राजनीती नहीं बल्कि देश की सियासत में भी लम्बी रेस के घोड़े साबित होंगे|