त्योहारी सीजन में सेहत पर मंडराया मिलावट का खतरा

आम आदमी खाद्य पदार्थों में हो रही मिलावटखोरी से खासा परेशान है

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.. बाल मुकुंद ओझा ..

देश में त्यौहारी सीज़न शुरू हो गया है| दीपावली तक त्यौहारों की धूम है| त्यौहारी सीजन की श्रृंखला २४ अक्टूबर को अहोई अष्टमी से शुरू होकर १३ नवम्बर को तुलसी विवाह के साथ समाप्त होंगी| इस बीच धनतेरस, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ पूजा जैसे देश के सबसे बड़े त्यौहारों की धूम होंगी| इस अवसर पर गरीब और अमीर सभी वर्ग के लोग अपने सामर्थ्य के अनुरूप घर की साफ सफाई, नए कपड़े, सोने चांदी के सामान के साथ मिठाइयां बनाने और खरीदने में व्यस्त हो जाते है| इस दौरान घर घर में मीठे पकवान बनते है| दीपावली व अन्य पर्वों पर बिकने वाली मिठाइयों की तैयारियां भी जोरों पर हैं, लेकिन बाजार में बिकने वाली मिठाई कितनी शुद्ध होगी, इसकी कोई गारंटी नहीं है| बड़े से लेकर छोटे शहरों और ग्रामों में मिलावटखोर सक्रिय हो जाते हैं| दूध से लेकर खोया और घी, तेल तक में मिलावट की जाती है| त्योहारी सीजन शुरू होते ही मिलावटिये भी सक्रीय होकर आमजन के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते है| त्योहार आये और मिलावटिए सक्रिय न हो ऐसा हो नहीं सकता|  अब तो मिलावट और त्यौहार का लगता है चोली दामन का साथ हो गया है| हालांकि देशभर में मिलावटियों पर छापे मारे जा रहे है और मिलावटी सामग्री जब्त की जा रही है| मगर यह छापेमारी ऊंट के मुंह में जीरे के सामान है|

आम आदमी महंगाई के साथ खाद्य पदार्थों में हो रही मिलावट खोरी से खासा परेशान रहता है| हमारे बीच यह धारणा पुख्ता बनती जा रही है कि बाजार में मिलने वाली हर चीज में कुछ न कुछ मिलावट जरूर है| लोगों की यह चिंता बेबुनियाद नहीं है| आज मिलावट का कहर सबसे ज्यादा हमारी रोजमर्रा की जरूरत की चीजों पर ही पड़ रहा है| खाने पीने के पदार्थो में मिलावट कोई नयी समस्या नहीं है| मिलावट और खराब उत्पाद बेचे जाने की खबरें आम हो चुकी हैं| साल-दर-साल इसका दायरा व्यापक होता जा रहा है| खाद्य पदार्थों में मिलावट ने हमारा जीना हराम कर रखा है| हर चीज में मिलावट ने हमारी जिंदगी की रफ्तार को अवरुद्ध कर दिया है| शरीर का हर हिस्सा जैसे मिलावट से कराह रहा है| जितनी चोटें युद्ध भूमि में राणा सांगा ने नहीं खाई होंगी उतनी हम मिलावटी वस्तुओं से रोज ही खा रहे हैं| इसका मतलब बिलकुल साफ है कि हमारा शरीर  पूरी तरह मिलावटी हो गया है|

 खाद्य पदार्थों में अशुद्ध, सस्ती अथवा अनावश्यक वस्तुओं के मिश्रण को मिलावट कहते हैं| आज समाज में हर तरफ मिलावट ही मिलावट देखने को मिल रही है| पानी से सोने तक मिलावट के बाजार ने हमारी बुनियाद को हिला कर रख दिया है| पहले केवल दूध में पानी और शुद्ध देशी घी में वनस्पति घी की मिलावट की बात सुनी जाती थी, मगर आज घर-घर में प्रत्येक वस्तु में मिलावट देखने और सुनने को मिल रही है| मिलावट का अर्थ प्राकृतिक तत्त्वों और पदार्थों में बाहरी, बनावटी या दूसरे प्रकार के मिश्रण से है|

मुनाफाखोरी करने वाले लोग रातोंरात धनवान बनने का सपना देखते हैं| अपना यह सपना साकार करने के लिए वे बिना सोचे-समझे मिलावट का सहारा लेते हैं| सस्ती चीजों का मिश्रण कर सामान को मिलावटी कर महंगे दामों में बेचकर लोगों को न केवल धोखा दिया जाता है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ भी किया जाता है| मिलावटी खाद्य पदार्थों के सेवन से प्रतिवर्ष हजारों लोग विभिन्न बीमारियों का शिकार होकर जीवन से हाथ धो बैठते हैं| मिलावट का धंधा हर तरफ देखने को मिल रहा है| दूध बेचने और मिलावट करने वाले से लेकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों तक ने मिलावट के बाजार पर अपना कब्जा कर लिया है|

सत्य तो यह है कि हम जो भी पदार्थ सेवन कर रहे हैं चाहें वे खाद्य पदार्थ हो या दूसरे, सब में मिलावट ही मिलावट हो रही है| मिलावट ने अपने पैर जबरदस्त तरीके से फैला लिए हैं| दूधिए की मिलावट तो एक उदाहरण के रूप में है| मगर आज हर वस्तु में मिलावट से हमारा वातावरण प्रदूषित और जहरीला हो उठा है| दूध, मावा, घी, हल्दी, मिर्च, धनिया, अमचूर, सब्जियां, फल आदि सभी मिलावट की चपेट में है| आज खाने पीने सहित सभी चीजों में धड़ले से  मिलावट हो रही है|, ऐसा कोई भोज्य पदार्थ नहीं है, जो जहरीले कीटनाशकों और मिलावटों से मुक्त हो| बाजार में  पपीता, आम और केला, सेव अनार जैसे फलों को कैल्शियम कार्बाईड की मदद से पकाया जाता है| चिकित्सकों के अनुसार यह स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है| फलों को सुनहरा बनाने  के लिए पैराफीन वैक्स भी लगाया जाता है| इन  फलों को खाने से  कैंसर और डायरिया जैसी बीमारियां होती है| डेयरी और कृषि उत्पादों-विशेषकर हरी सब्जियों में ऑक्सिटोसिन का खूब  इस्तेमाल हो रहा है| सच तो यह है अधिक मुनाफा कमाने के लालच में नामी कंपनियों से लेकर खोमचेवालों तक ने उपभोक्ताओं के हितों को ताख पर रख दिया है| अगर कोई इन्हें खाकर बीमार पड़ जाता है तो हालत और भी खराब है, क्योंकि जीवनरक्षक दवाइयॉं भी नकली ही बिक रही हैं|

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