कजान/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पूर्वी लद्दाख में चार साल के एलएसी गतिरोध को दूर करने में मिली सफलता के बाद अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक करने वाले हैं।
रूसी मीडिया के अनुसार, दोनों नेता यहां कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मिलेंगे। मोदी और शी ने इससे पहले साल 2023 में जोहान्सबर्ग में बैठक में संक्षिप्त बातचीत की थी, जबकि उनकी आखिरी औपचारिक मुलाकात साल 2022 में बाली में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी।
भारत ने सोमवार को घोषणा की कि वह चीन के साथ वार्ता में एक महत्त्वपूर्ण सफलता तक पहुंच गया है, जो चार साल के सैन्य गतिरोध के बाद बनी हुई है, जब उनके सैनिकों के बीच एलएसी पर झड़पें हुई थीं।
बीजिंग ने मंगलवार को भारत के साथ गश्त पर समझौता होने की पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों देशों ने सीमा से संबंधित मुद्दों पर 'निकट संवाद बनाए रखा है।'
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, 'वर्तमान में, दोनों पक्ष प्रासंगिक मुद्दों के समाधान पर पहुंच गए हैं, जिसे चीन सकारात्मक रूप से देखता है।' उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष समझौतों को लागू करने के लिए मिलकर काम करेंगे।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई उल्लंघन न हो, दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में एलएसी पर गश्त की व्यवस्था पर सहमत हुए हैं, जो साल 2020 की झड़पों से पहले लागू थी। यह समझौता पिछले कुछ हफ्तों में कूटनीतिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से कई दौर की चर्चाओं का नतीजा था। दोनों पक्ष अब इस पर अगले कदम उठाएंगे।