रावलपिंडी/दक्षिण भारत। दूसरे देशों में आतंकवाद फैलाने वाला पाकिस्तान अब खुद उसकी आग में झुलस रहा है। अफगान सीमा के पास एक चेक पोस्ट पर शुक्रवार को हुए बड़े हमले में उसके 10 जवानों की मौत हो गई। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान तालिबान ने ली है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस दौरान लगभग एक घंटे तक जोरदार गोलीबारी हुई। चली। हमले के दौरान फ्रंटियर कांस्टेबुलरी के 10 जवान ढेर हो गए। वहीं, सात अन्य घायल हो गए।"
यह घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान जिले की है, जहां 20 से 25 आतंकवादियों ने फ्रंटियर कांस्टेबुलरी चौकी पर धावा बोला था।
पाकिस्तानी तालिबान या तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने कहा कि यह हमला उसके वरिष्ठ नेता उस्ताद कुरैशी की हत्या का बदला है। बताया गया कि बाजौर जिले में सैन्य अभियान के दौरान मारे गए नौ आतंकवादियों में कुरैशी भी शामिल था।
टीटीपी की अफगानिस्तान से हैं। यह संगठन पाकिस्तान में भी उसी तरह शासन स्थापित करना चाहता है। साल 2021 में अफ़गान तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान में आतंकवादी हमले बढ़ गए हैं। इनमें मुख्यत: सुरक्षा बलों को निशाना बनाया जाता है।
पाकिस्तान कहता रहा है कि टीटीपी उस पर हमला करने के लिए अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल करती है। उसका आरोप है कि वहां सत्तारूढ़ तालिबान उसकी मदद करता है। हालांकि अफगानिस्तान इसका खंडन करता है।