'एनिमेशन', 'डिजिटल अरेस्ट', 'लाओस की रामायण' ... 'मन की बात' में यह बोले मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई व्यवस्था कानून में नहीं है

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नई दिल्ली/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में देशवासियों के समक्ष अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अगर आप मुझसे पूछें कि मेरे जीवन के सबसे यादगार पल क्या रहे, तो कितने ही वाकये याद आते हैं, लेकिन इसमें भी एक पल खास है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वो पल था, जब पिछले साल मैं 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जन्मजयंती पर उनकी जन्मस्थली झारखंड के उलिहातू गांव गया। इस यात्रा का मुझ पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा। मैं देश का पहला प्रधानमंत्री हूं, जिसे इस पवित्र भूमि की मिट्टी को अपने मस्तक से लगाने का सौभाग्य मिला।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 31 अक्टूबर से सरदार पटेल की 150वीं जयंती का वर्ष शुरू होगा। इसके बाद 15 नवंबर से भगवान बिरसा मुंडा का 150वां जयंती वर्ष शुरू होगा। इन दोनों महापुरुष ने अलग-अलग चुनौतियां देखी, लेकिन, दोनों का विजन एक था- 'देश की एकता'।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हमने स्वामी विवेकानंदजी की 150वीं जयंती मनाई तो देश के नौजवानों ने भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक शक्ति को नई परिभाषाओं में समझा। इन योजनाओं ने हमें यह एहसास दिलाया कि हमारे महापुरुष अतीत में खो नहीं जाते, बल्कि, उनका जीवन हमारे वर्तमान को भविष्य का रास्ता दिखाता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्मार्टफोन से लेकर सिनेमा स्क्रीन तक, गेमिंग कंसोल से लेकर वर्चुअल रियलिटी तक, एनिमेशन हर जगह मौजूद है। एनिमेशन की दुनिया में भारत नई क्रांति करने की राह पर है। भारत के गेमिंग स्पेस का भी तेजी से विस्तार हो रहा है। भारतीय गेम्स भी इन दिनों दुनियाभर में मशहूर हो रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एनिमेशन की दुनिया में 'मेड इन इंडिया' और 'मेड बाय इंडियंस' छाया हुआ है। आपको यह जानकर खुशी होगी कि आज भारत के टैलेंट विदेशी उत्पादों का भी अहम हिस्सा बन रहे हैं। अभी वाली स्पाइडर मैन हो या ट्रान्सफ़ॉर्मर, इन दोनों मूवीज में हरिनारायण राजीव के योगदान को लोगों ने खूब सराहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एनिमेशन सेक्टर आज एक ऐसी इंडस्ट्री का रूप ले चुका है कि जो दूसरी इंडस्ट्रीज को ताकत दे रहा है। जैसे, इन दिनों वीआर पर्यटन बहुत मशहूर हो रहा है। आप वर्चुअल टूर के माध्यम से अजंता की गुफाओं को देख सकते हैं, कोणार्क मंदिर के कॉरिडोर में टहल सकते हैं या फिर वाराणसी के घाटों का आनंद ले सकते हैं। ये सभी वीआर एनिमेशन भारत के क्रिएटर्स ने तैयार किए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि टूरिस्ट डेस्टिनेशन का वर्चुअल टूर लोगों के मन में जिज्ञासा पैदा करने का माध्यम बन गया है। आज इस सेक्टर में एनिमेटर्स के साथ ही स्टोरी टेलर्स, लेखक, वॉयस-ओवर विशेषज्ञों, संगीतज्ञों, गेम डेवलपर्स, वीआर और एआर विशेषज्ञों की भी मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इसलिए मैं भारत के युवाओं से कहूंगा- अपनी रचनात्मकता को विस्तार दें। क्या पता दुनिया का अगला सुपरहिट एनीमेशन आपके कंप्यूटर से निकले!

प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भरता हमारी पॉलिसी ही नहीं, हमारा पैशन बन गया है। बहुत साल नहीं हुए, सिर्फ 10 साल पहले की बात है, तब अगर कोई कहता था कि किसी जटिल प्रौद्योगिकी को भारत में विकसित करना है तो कई लोगों को विश्वास नहीं होता था, तो कई उपहास उड़ाते थे- लेकिन आज वही लोग, देश की सफलता को देखकर अचंभे में रहते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब आत्मनिर्भर भारत अभियान, एक जन अभियान बन रहा है, हर क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। जैसे, इसी महीने लद्दाख के हानले में हमने एशिया की सबसे बड़ी 'इमेजिंग टेलीस्कोप मेस' का भी उद्घाटन किया है। यह 4,300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। जानते हैं, इसकी भी खास बात क्या है? यह 'मेड इन इंडिया' है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट के शिकार होने वालों में हर वर्ग, हर उम्र के लोग हैं। लोगों ने डर की वजह से अपनी मेहनत से कमाए हुए लाखों रुपए गवां दिए हैं। कभी भी आपको इस तरह का कोई कॉल आए तो डरना नहीं है। आपको पता होना चाहिए, कोई भी जांच एजेंसी फोन कॉल या वीडियो कॉल पर इस तरह पूछताछ कभी भी नहीं करती।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आपको डिजिटल सुरक्षा के तीन चरण बताता हूं। ये तीन चरण हैं- 'रुको सोचो-एक्शन लो'। कॉल आते ही 'रुको', घबराएं नहीं, शांत रहें। जल्दबाजी में कोई कदम न उठाएं। किसी को अपनी व्यक्तिगत जानकारी न दें। संभव हो तो स्क्रीनशॉट लें और रिकॉर्डिंग जरूर करें। 

दूसरा चरण है 'सोचो'- कोई भी सरकारी एजेंसी फोन पर ऐसे धमकी नहीं देती, न ही वीडियो कॉल पर पूछताछ करती है, न ही ऐसे पैसे की मांग करती है। अगर डर लगे तो समझिए कुछ गड़बड़ है। 

तीसरा चरण - 'एक्शन लो'। राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 डायल करें, http://cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें। परिवार और पुलिस को सूचित करें, सबूत सुरक्षित रखें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई व्यवस्था कानून में नहीं है। यह सिर्फ फ्रॉड है, फरेब है, झूठ है, बदमाशों का गिरोह है और जो लोग ऐसा कर रहे हैं, वे समाज के दुश्मन हैं। 

डिजिटल अरेस्ट के नाम पर जो फरेब चल रहा है, उससे निपटने के लिए तमाम जांच एजेंसियां, राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। इन एजेंसियों में तालमेल बनाने के लिए राष्ट्रीय साइबर समन्वय केंद्र की स्थापना की गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे बहुत सारे स्कूली बच्चे कैलीग्राफी यानी सुलेख में काफी दिलचस्पी रखते हैं। इसके जरिए हमारी लिखावट साफ, सुंदर और आकर्षक बनी रहती है। आज जम्मू-कश्मीर में इसका उपयोग स्थानीय संस्कृति को लोकप्रिय बनाने के लिए किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक प्रयास उधमपुर के गोरीनाथ भी कर रहे हैं। एक सदी से भी ज्यादा पुरानी सारंगी के जरिए वे डोगरा संस्कृति और विरासत के विभिन्न रूपों को सहेजने में जुटे हैं। डी वैयकुंठम करीब 50 साल से चेरियाल फोक आर्ट को लोकप्रिय बनाने में जुटे हुए हैं। तेलंगाना से जुड़ी इस कला को आगे बढ़ाने का उनका यह प्रयास अद्भुत है। छत्तीसगढ़ में नारायणपुर के बुटलूराम माथरा अबूझमाड़िया जनजाति की लोक कला को संरक्षित करने में जुटे हुए हैं। वे पिछले चार दशकों से अपने इस मिशन में लगे हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हजारों मील दूर, रूस के शहर याकुत्स्क में भी भारतीय कला की मधुर धुन गूंज रही है। कल्पना कीजिए, सर्दी का एक-आध दिन, माइनस 65 डिग्री तापमान, चारों तरफ बर्फ की सफेद चादर और वहां एक थिएटर में दर्शक मंत्रमुग्ध होकर देख रहे हैं- कालिदास का 'अभिज्ञान शाकुंतलम'। क्या आप सोच सकते हैं कि दुनिया के सबसे ठंडे शहर याकुत्स्क में भारतीय साहित्य की गर्मजोशी!

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ हफ्ते पहले, मैं लाओस भी गया था। वह नवरात्र का समय था और वहां मैंने कुछ अद्भुत देखा। स्थानीय कलाकार 'फलक फलम' प्रस्तुत कर रहे थे – 'लाओस की रामायण'। उनकी आंखों में वही भक्ति, उनके स्वर में वही समर्पण, जो रामायण के प्रति हमारे मन में है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुवैत में अब्दुल्ला अल-बारुन ने रामायण और महाभारत का अरबी में अनुवाद किया है। यह कार्य मात्र अनुवाद नहीं, बल्कि दो महान संस्कृतियों के बीच एक सेतु है। उनका यह प्रयास अरब जगत में भारतीय साहित्य की नई समझ विकसित कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पेरू से एक और प्रेरक उदाहरण है - एरलिंडा गार्सिया वहां के युवाओं को भरतनाट्यम सिखा रही हैं और मारिया वाल्डेज़ ओडिसी नृत्य का प्रशिक्षण दे रही हैं। इन कलाओं से प्रभावित होकर, दक्षिण अमेरिका के कई देशों में 'भारतीय शास्त्रीय नृत्य' की धूम मची हुई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि भारत में अब लोग फिटनेस को लेकर बहुत ज्यादा जागरूक हो रहे हैं। हमारे स्कूल बच्चों की फिटनेस पर अब और ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। फिट इंडिया स्कूल आवर्स भी एक अनोखी पहल है। स्कूल अपने पहले कालांश का इस्तेमाल अलग-अलग फिटनेस गतिविधियों के लिए कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 'मन की बात' के भी बहुत से श्रोताओं ने मुझे अपने अनुभव भेजे हैं। कुछ लोग तो बहुत ही रोचक प्रयोग कर रहे हैं। जैसे एक उदाहरण है, फैमिली फिटनेस आवर्स का यानी एक परिवार, हर सप्ताहांत एक घंटा ​फैमिली फिटनेस गतिविधियों के लिए दे रहा है। एक और उदाहरण स्वदेशी खेलों का पुनरुद्धार का है यानी कुछ परिवार अपने बच्चों को पंरपरागत गेम्स सिखा रहे हैं, खिला रहे हैं।

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