पूर्वी लद्दाख: सैनिकों की वापसी पूरी, दीपावली पर होगा मिठाइयों का आदान-प्रदान!

पीछे हटने के बाद सत्यापन का काम चल रहा है

जून 2020 में गलवान घाटी में हुई थी भीषण झड़प

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। भारत और चीन के बीच एक महत्त्वपूर्ण समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग मैदानों में दो टकराव बिंदुओं पर सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है और जल्द ही इन बिंदुओं पर गश्त शुरू हो जाएगी। भारतीय सेना के सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

उन्होंने बताया कि दीपावली पर दोनों पक्षों के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान होगा। सेना के पीछे हटने के बाद सत्यापन का काम चल रहा है और ग्राउंड कमांडरों के बीच गश्त के तौर-तरीकों पर फैसला किया जाना है। स्थानीय कमांडर स्तर पर बातचीत जारी रहेगी।

25 अक्टूबर को सेना के सूत्रों ने यहां बताया कि यह प्रक्रिया 28-29 अक्टूबर तक पूरी होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि समझौते की रूपरेखा पर पहले राजनयिक स्तर पर हस्ताक्षर किए गए और फिर सैन्य स्तर की वार्ता हुई। उन्होंने कहा कि समझौते की बारीकियों पर कोर कमांडर स्तर की वार्ता के दौरान काम किया गया, जिस पर पिछले सप्ताह हस्ताक्षर किए गए थे।

दोनों पक्षों के बीच हुए समझौतों का पालन करते हुए भारतीय सैनिकों ने इन क्षेत्रों में अपने उपकरणों को पीछे की ओर ले जाना शुरू कर दिया। यह प्रक्रिया पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सैनिकों की गश्त और पीछे हटने को लेकर दोनों देशों के बीच हुए समझौते के बाद शुरू हुई है, जो चार साल से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है।

जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव फैल गया था। यह कई दशकों में दोनों देशों के बीच सबसे गंभीर सैन्य टकराव था।

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