मास्को/दक्षिण भारत। रूसी राष्ट्रपति के आधिकारिक निवास क्रेमलिन की ओर से बयान आया है कि गूगल पर लगाया गया जुर्माना ‘प्रतीकात्मक’ है। बता दें कि मशहूर इंटरनेट कंपनी पर 20,000,000,000,000,000,000,000,000,000 यानी 20 डेसिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने यह जानकारी दी।
पेस्कोव ने बताया कि इतनी बड़ी राशि का मकसद समस्या की ओर ध्यान दिलाने और उसे ठीक कराने के लिए है। उन्होंने कहा, 'यह एक विशेष रूप से तैयार की गई राशि है, मैं वास्तव में इस आंकड़े का उच्चारण भी नहीं कर सकता, लेकिन यह प्रतीकात्मकता से भरा हुआ है।' उन्होंने स्पष्ट किया कि गूगल को अपने प्रसारकों के कार्यों को मनमाने ढंग से सीमित नहीं करना चाहिए।
यह विशाल आंकड़ा सबसे पहले एक समाचार आउटलेट द्वारा रिपोर्ट किया गया था। यह 17 रूसी प्रसारकों द्वारा गूगल के खिलाफ दायर किए गए मुकदमों के सिलसिले से उपजा है, जिसमें इंटरनेट कंपनी पर गैरकानूनी ढंग से सामग्री को अवरुद्ध करने और उनके यूट्यूब चैनलों को बंद करने का आरोप लगाया गया था।
बता दें कि अक्टूबर 2022 में, मॉस्को आर्बिट्रेशन कोर्ट ने गूगल को अवरुद्ध रूसी चैनलों तक यूट्यूब की पहुंच बहाल करने का आदेश दिया और कंपनी पर गैर-अनुपालन के लिए हर दिन 100,000 रूबल (1,028 डॉलर) का जुर्माना लगाया।
अदालत के फैसले के अनुसार, जुर्माना हर हफ़्ते दोगुना हो रहा है। जुर्माने पर कोई सीमा न लगाए जाने के कारण यह अब 20.6 डेसीलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है और आगे भी बढ़ता रहेगा।
गूगल और रूसी प्रसारकों के बीच विवाद 2020 से शुरू हुआ, जब कंपनी ने अपने मालिकों के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों का हवाला देते हुए कुछ चैनलों और एजेंसियों के यूट्यूब चैनलों को बंद कर दिया था।
फरवरी 2022 में मॉस्को और कीव के बीच संघर्ष बढ़ने के बाद रूसी आउटलेट्स के लिए हालात मुश्किल हो गए। उसके बाद दर्जनों अन्य समाचार चैनलों को ब्लॉक कर दिया गया था। इसके बाद कई प्रसारकों ने गूगल पर मुकदमा दायर किया तथा मॉस्को मध्यस्थता न्यायालय में इसे जीत लिया।